उदंती अभयारण्य में दिखा देश के सबसे दुर्लभ ‘मालाबार धनेश’ पक्षी, मारने या पकड़ने पर हो सकती है जेल
CG Tiger Reserve: देश के सबसे दुर्लभ पक्षी ‘मालाबार धनेश’ उंदती सीतानदी टाईगर रिर्जव के काफी अंदर बीहड़ जंगलों पहाड़ी क्षेत्र में देखा गया। बताया कि 6 पक्षी क्षेत्र में विचरण कर रहे थे..
Udanti Sitanadi Tiger Reserve: गरियाबंद जिले के उदंती अभयारण्य भले ही राजकीय पशु वन भैसों के नाम से पूरे देश विदेश में जाना जाता है, लेकिन इस उंदती अभयारण्य में भारत के सबसे दुर्लभ जीव और पक्षी पाए जाते हैं, जिससे मारने या पकड़ने पर जेल तक हो सकती है। हमारे देश में अनेक प्रकार के दुर्लभ पक्षी भी पाए जाते हैं, जिनकी चर्चा देशों और विदेशो में होती है, लेकिन वर्तमान में इन पक्षियों की संख्या लुप्त होती जा रही है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र जहां 32 से ज्यादा प्रजाति के स्तनपाई, 40 प्रजाति के सरीसृप, 179 प्रजाति के पक्षी शामिल हैं। उन पक्षियों में एक खास पक्षी होता है ‘मालाबार धनेश’ जिसे हम अंग्रेजी में मालाबार पाइड हॉर्नबिल कहते हैं। अति दुर्लभ मालाबार धनेश पक्षी जो भारत का सबसे दुर्लभ पक्षियों में से एक है जो हमारे छत्तीसगढ़ के उंदती सीतानदी टाईगर रिर्जव के काफी अंदर बीहड़ जंगलों पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
बसंत ऋतु के समय मे इन पक्षियों को देखा जा सकता है, जिन्हें सामान्य समय में देखना लोगों के सपने समान है। यह पक्षी आकार में काफी बढे होते हैं। चोच यू आकार का होता है। इस वजह से भी आकर्षण का केंद्र हैं। भारत में दुर्लभ मालाबार धनेश दिखने मे बहुत सुंदर और रंग आकर्षक है। गरियाबंद जिले में अब तक इस प्रजाति के पक्षी सिर्फ उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में देखे गए हैं। इनकी खोज पहली बार 2017 में नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी द्वारा बाघ गणना करने के दौरान किया गया, जो हाल ही में फिर दिखा है।
देखा गया 6 पक्षी
10 मई को करलाझर बीट में गश्त के दौरान सेमल और बरगद वृक्ष पर बैठे 6 धनेश पक्षी को देखा गया। वीरेंद्र कुमार ध्रुव ने इसे अपने कैमरे में कैप्चर किया। हॉर्नबिल की आवाज दूर से पहचानने में नकुल यादव, योनेश यादव, अमन कश्यप, दीपक निर्मलकर ने मदद की।
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