CG Crime News: कई ग्रामीण फंस चुके हैं जाल में
राजिम थाना से मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के ग्राम सुरसाबांधा में एक महिला तंत्र मंत्र द्वारा इलाज का दावा कर लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करती थी। कई ग्रामीण इसके चंगुल में फंस भी चुके हैं। यह मामला प्रकाश में तब आया है। जब इलाज के लिए महासमुंद जिले के पचेड़ा से पहुंचे एक युवती की गुरुवार को मौत हो गई।
शैतान का डर दिखाकर इलाज के लिए किया मजबूर
बताया जा रहा है कि इन लोगों को लगभग 3 माह से शैतान का डर दिखाकर उस जगह पर इलाज करवाने के लिए बाध्य किया जाता था। युवती की मौत के बाद परिजनों ने राजिम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में इलाज करने वाली महिला ईश्वरी साहू को गिरतार कर बंधक बनाने और धर्मांतरण का मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से महिला को जेल भेज दिया गया। आरोपी मृतका की मां को इसाई धर्म स्वीकार करने का दबाव भी बनाती रही। तब उन्होंने कहा कि बच्ची के ठीक हो जाने के बाद इसाई धर्म स्वीकार करेंगी। वहीं परिवार वालों का दावा है कि तीन महीनों तक मां-बेटी को बंधक बना कर रखा गया। न दवा थी न डॉक्टर, बस एकांत में कथित प्रार्थनाएं होती रहीं। इस दौरान महिला द्वारा युवती को अनेक प्रकार से शारीरिक यातनाएं व प्रताड़ित भी करती रही। हालत बिगड़ने पर भी योगिता को अस्पताल नहीं ले जाया गया और अंतत: गुरुवार को उसकी मौत हो गई।
होती है ‘चंगाई सभा’
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि गांव में नियमित रूप से ‘चंगाई सभा’ होती है, जहां बाइबल और प्रभु की प्रार्थना के जरिये इलाज का दावा किया जाता है। जब मां सुनीता ने स्थानीय लोगों की मदद से मामले को उजागर किया और राजिम थाना पहुंची। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पुत्री की मानसिक स्थिति ठीक नही होने के कारण सुरसाबांधा निवासी ईश्वरी साहू के पास पूजापाठ के माध्यम से उपचार करवा रही थी।
ईसाई धर्म को अपनाने के लिए करती थी प्रेरित
आरोपी महिला ईश्वरी साहू के द्वारा प्रार्थिया की पुत्री को अपने घर सुरसाबांधा में रख कर उपचार के बहाने डरा धमका कर इसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करती थी। जो पीड़िता के ऊपर आर्युवेदिक उपचार के बहाने चमत्कारी तेल और गरम पानी डालकर अपने पैरों से मृतिका के पूरे शरीर को मसलती थी और इसाई धर्म का प्रार्थना करवाती थी।
पीएम रिपार्ट में पसली की हड्डी टूटने का जिक्र
उपचार के दौरान पीड़िता की मृत्यु होने से थाने में मर्ग कायम कर शार्ट पीएम रिपार्ट प्राप्त किया गया। पीएम रिपार्ट में पसली की हड्डी टूटने एवं दबाव के कारण मृत्यु होना लेख किया गया है। जिस पर धारा 105 बीएनएस एक्ट जोडी गई। इस तरह प्रार्थिया की रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टिया अपराध धारा छग धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 की धारा 4 व औषधी और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम 1954 की धारा 7 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर सुरसाबांधा निवासी को न्यायालय में पेश किया गया। जहां आरोपी महिला को जेल भेज दिया गया।
शैतान का डर दिखाकर बनाया बंधक
मृतिका योगिता सोनवानी की मां सुनिता सोनवानी ने बताया कि उसकी बेटी मानसिक रूप से अस्वस्थ थीए जिसकी इलाज वह रायपुर में करवा रही थी। ज्यादा पैसा खर्च होने पर उसे वापस महासमुंद इलाज के लिए ले गई। वहां उसे पता चला कि राजिम क्षेत्र के ग्राम सुरसाबांधा में आयुर्वेद पद्धति से इलाज होता है और वह इस चंगुल में फंस गई। जहां इलाज के नाम पर एक महिला ईश्वरी साहू ने उन्हें बाइबल पढ़ानेए प्रार्थना करवाने और शैतान भगाने का अंधविश्वासी तरीका बताया। मृतका के स्वास्थ्य पर सुधार न होते देख परिजन वापस ले जाने को कहते तो उन्हें शैतान का डर दिखाकर बंधक बनाए रखा।