कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि नए सेटअप और युक्तियुक्तकरण के नाम पर राज्य सरकार लगभग 5000 स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब, आदिवासी और ग्रामीण बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा। विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ इलाकों के बच्चों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
बनाई जा रही यह योजना
टिकेश ने कहा कि सरकार ने नए सेटअप में प्राथमिक स्कूलों के लिए 30 छात्रों पर एक शिक्षक और मिडिल स्कूल में 35 छात्रों पर एक शिक्षक की व्यवस्था तय की है। इससे शिक्षकों की संख्या में भारी कटौती होगी। उन्होंने बताया कि प्राइमरी में 18 अलग-अलग विषय पढ़ाने होते हैं, लेकिन अब सिर्फ दो शिक्षकों के भरोसे पूरा स्कूल चलाने की योजना बनाई जा रही है। इसी तरह मिडिल स्कूल में तीन कक्षाएं और छह विषय होंगे, यानी कुल 18 पीरियड। लेकिन सरकार कह रही है कि एचएम और एक अन्य शिक्षक ही पूरे स्कूल को संभालें। साथ ही मध्यान्ह भोजन, सरकारी योजनाएं, दस्तावेज़ी काम, रजिस्टर भरना और गैर-शैक्षणिक कार्य भी उन्हीं शिक्षकों को करने होंगे। मनोज ने कहा कि यह सब एक सुनियोजित साजिश है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि राज्य के बच्चे अच्छी शिक्षा पाएं।
सवा साल के कार्यकाल में नियमित नियुक्ति नहीं
कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया है कि भाजपा सरकार के सवा साल के कार्यकाल में एक भी शिक्षक की नियमित नियुक्ति नहीं हुई है। जबकि सरकार ने विधानसभा में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन वह प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि सरकार पहले शिक्षकों के प्रमोशन, स्थानांतरण नीति और समयमान वेतनमान जैसे लंबित मामलों को सुलझाए। उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण की योजना लागू की जाए। वरना यह फैसला सिर्फ शिक्षकों को डराने, स्कूलों को बंद करने और शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की चाल साबित होगी।
इधर, बीईओ को सौंपा ज्ञापन
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन फिंगेश्वर ब्लॉक इकाई ने शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर बीईओ रामेंद्र कुमार जोशी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश संयुक्त मंत्री पूरन लाल साहू और ब्लॉक अध्यक्ष हुलस साहू ने किया। ज्ञापन में युक्तियुक्तकरण के विसंगतिपूर्ण निर्देश, परीक्षा अनुमति सूची, सर्विस बुक संधारण, लंबे समय से लंबित चिकित्सा अवकाश, 10 व 20 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान, शिक्षकों को मूल शाला में वापस भेजने, सर्विस बुक सत्यापन और ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण को निरस्त करने जैसी मांगें शामिल थीं।
बीईओ ने समस्याओं पर सकारात्मक पहल का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि कार्यालय स्तर की समस्याएं जल्द सुलझा ली जाएंगी। शेष मांगें उच्च कार्यालय भेजी जाएंगी। इस दौरान लता ध्रुव, भुवन यदु, किरण कुमार साहू, डगेश्वर ध्रुव, कमलेश बघेल, छगन दीवान, होरीलाल ध्रुव आदि मौजूद रहे।