हादसों के बाद भी नहीं ले रहे सबक
दरअसल बिजली कंपनी द्वारा लाइनमैन और प्राइवेट कर्मचारियों से काम तो लिया जा रहा है। मगर इनकी जान की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। यही वजह है कि विद्युत कार्यों को करने में लगे इन लोगों को न तो पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं और न ही उनका बीमा कराया गया है। विद्युत वितरण कंपनी की इस अनदेखी की कीमत इन लोगों को हादसे का शिकार होकर चुकानी पड़ रही है। हादसों के दौरान कई कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी इन घटनाओं से कोई सबक लेने को तैयार नहीं है, जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ ही कंपनी द्वारा सभी संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने में सुरक्षा की ट्रेनिंग देने की बात कह रहे हैं। मगर न तो कर्मचारी ट्रेनिंग में सीखी गई बातों पर अमल कर रहे हैं और न ही अफसर पालन कराने में गंभीरता दिखा रहे हैं।रेत ठेकेदारों ने हाइवा चालक को मारा चाकू, गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश
रोजगार का नहीं कोई दूसरा साधन, इसलिए कर रहे काम
बिजली कंपनी सूत्रों के मुताबिक बिजली कार्यों के दौरान कई लोगों को बिजली ठेकेदोरों द्वारा प्राइवेट तौर पर कर्मचारी अधिकृत करते हुए उनसे मजदूरी और लाइनमैन सहित अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। वहीं बिजली कंपनी भी कई लोगों को प्राइवेट स्तर पर नियुक्त कर उनसे काम ले रही है। मगर इन सभी लाइनमैन और मजदूरों को सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। बावजूद इसके ये लोग इन बिजली संबंधी कार्यों को करने में लगे हुए हैं। इसके पीछे कारण दो जून की रोटी है क्योंकि कई गरीब लोगों के पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए रोजगार का दूसरा साधन नहीं है।अवैध कब्जा से रास्ता हुआ बंद, अब जगन्नाथपुर और सांकरा की सीमा को लेकर विवाद
तो कैसे होगा परिवार का भरण पोषण
प्राइवेट स्तर पर बिजली कंपनी से जुड़कर मजदूरी और लाइनमैन का काम कर रहे कुछ लोगों की मानें तो बीमा तो बड़ी दूर की बात है। इन कार्यों को करवाने के लिए निर्माण कंपनियों द्वारा पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि बिजली कार्य करने के दौरान जिनके साथ अनहोनी हो रही है। उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा तथा उनके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ ही हर महीने ट्रेनिंग भी दी जाती है। मगर कर्मचारी काम करते समय सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, जिस कारण हादसे हो जाते हैं। अब हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं, जिसके तहत कर्मचारियों का वेतन, उनके सुरक्षा उपकरण चेक करने के बाद ही जारी होगा।यह होने चाहिए संसाधन
हेलमेटदस्ताने
सुरक्षा झूला
सीढ़ी
जैकेट
प्लास,
डिस्चार्ज रॉड कुछ हादसे, एक नजर में