AI: उच्च आय वाले देशों में ज्यादा खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है AI exposure को लेकर सबसे ज्यादा असंतुलन उच्च आय वाले देशों में बना हुआ है। इन देशों में महिलाओं की प्रमुखता वालीं 41 फीसदी उच्च भुगतान वालीं नौकरियां AI के कारण रीप्लेस हो सकती हैं, जबकि पुरुषों के मामले में नौकरियों की यह संख्या 28 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप और मध्य एशिया में महिलाओं की 39 प्रतिशत नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं, जबकि पुरुषों की 26 प्रतिशत नौकरियां प्रभावित होंगी। ILO (International Labour Organization) ने पाया है कि वैश्विक स्तर पर चार में से एक कर्मचारी ऐसे रोजगार में काम करता है जिसमें उसका कामकाज AI से प्रभावित होगा।
इस तरह हुआ अध्ययन
इस अध्ययन के लिए पोलैंड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 1,640 लोगों के साथ सर्वेक्षण किया गया, जिसके परिणामों का विश्लेषण अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक छोटे समूह द्वारा किया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने एक एआइ मॉडल विकसित कर यह पता लगाया कि 2,500 व्यवसायों और 29,000 से अधिक कामकाजों के स्वचालित होने की कितनी संभावना है।
महिलाओं पर खतरा इसलिए ज्यादा
अध्ययन में पाया गया कि डेटा एंट्री क्लर्क, टाइपिस्ट, वर्ड प्रोसेसिंग ऑपरेटर, अकाउंटेंट और बुक कीपिंग क्लर्क जैसे लिपिकीय व्यवसायों के AI से रीप्लेस होने की सबसे अधिक संभावना है। इस तरह के रोजगारों में महिलाओं की प्रमुखता है। क्योंकि इनके कामों में दोहराव अधिक है और नयापन कम। साथ ही मीटिंग नोट्स लेना या अपॉइंटमेंट शेड्यूल करना आदि भी एआइ से प्रभावित कामकाज हैं।Artificial Intelligence द्वारा पूर्ण रीप्लेसमेंट अभी है ‘सीमित’
अन्य व्यवसाय जिनमें एआइ का व्यापक उपयोग हो रहा है, वे हैं वेब और मीडिया डेवलपर, डेटाबेस विशेषज्ञ, वित्तीय और सॉफ्टवेयर से संबंधित नौकरियां। अध्ययन में कहा गया है कि नौकरी जाने संबंधी ये संख्याएं सिर्फ संभावित जोखिम को दर्शाती हैं, लेकिन ये किसी वास्तविक नौकरी कम होने या जाने को नहीं दर्शाती हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एआइ द्वारा पूर्ण रिप्लेसमेंट अभी भी सीमित है। इन कार्यों की देखरेख की आवश्यकता बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है, चूंकि अधिकांश व्यवसायों में ऐसे कार्य शामिल होते हैं जिनमें मानवीय इनपुट की आवश्यकता होती है, इसलिए नौकरियों खत्म होने के बजाए उनके स्वरूप में परिवर्तन की संभावना अधिक है।सरकारों से रणनीति बनाने का आह्वान
रिपोर्ट में सरकारों, कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों से इन्क्लूसिव स्ट्रेटजी तैयार करने को कहा गया है, जो संकटग्रस्त क्षेत्रों में नौकरी की गुणवत्ता और उत्पादकता की रक्षा करने में मदद कर सके।