सितंबर में होगी CGL परीक्षा
चेयरमैन ने बताया कि कंप्यूटर खराबी, खराब माउस, आधार वेरिफिकेशन में देरी और दूर-दराज परीक्षा केंद्र जैसी समस्याओं के कारण CGL परीक्षा को सितंबर तक स्थगित करना पड़ा है. अब नए सिस्टम के साथ परीक्षा कराई जाएगी।
नॉर्मलाइजेशन का नया फॉर्मूला
SSC ने स्कोर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। अब उम्मीदवारों के अंकों का मूल्यांकन शिफ्ट के हिसाब से होगा। यानी अगर किसी शिफ्ट का पेपर कठिन हुआ तो उसी शिफ्ट के अनुसार नॉर्मलाइजेशन होगा। इसके अलावा, टियर-2 परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराई जाएगी ताकि सभी के लिए निष्पक्षता बनी रहे।
चार एजेंसियों पर जिम्मेदारी
पहले एक ही एजेंसी प्रश्नपत्र से लेकर परीक्षा आयोजन तक सबकुछ संभालती थी। लेकिन अब जिम्मेदारी चार एजेंसियों में बांटी गई है एक एजेंसी परीक्षा केंद्र, दूसरी सुरक्षा, तीसरी आवेदन प्रबंधन और चौथी कंटेंट (प्रश्नपत्र) तैयार करेगी। साथ ही आयोग खुद प्रश्नपत्र पैटर्न पर निगरानी रखेगा।
आधार वेरिफिकेशन और सुरक्षा
उम्मीदवारों को OTP वेरिफिकेशन में परेशानी आई थी लेकिन अब आधार ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया स्थिर हो चुकी है। इससे फर्जीवाड़ा रोकने और पेपर लीक से बचाव में मदद मिलेगी। साथ ही पुराने कंप्यूटर और कमजोर नेटवर्क वाले सेंटर हटाकर अब केवल सुरक्षित वेरिफाइड इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल होगा।
100 किलोमीटर के दायरे में होंगे परीक्षा केंद्र
परीक्षा केंद्रों के दूर होने की शिकायतों पर SSC ने कहा कि अब 80% उम्मीदवारों को पसंदीदा शहर में सेंटर मिल रहा है और आगे यह आंकड़ा 90% से अधिक होगा। अधिकतम दूरी भी 100 किलोमीटर तक सीमित कर दी जाएगी।
पेन-पेपर परीक्षा की संभावना खत्म
चेयरमैन ने साफ किया कि SSC परीक्षाओं में हर साल करोड़ों उम्मीदवार बैठते हैं। ऐसे में पेन-पेपर मोड पर लौटना असंभव है क्योंकि इससे पेपर लीक, देरी और गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाएगी। कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) ही सुरक्षित और तेज तरीका है। हर साल करीब दो करोड़ उम्मीदवार SSC परीक्षाओं में शामिल होते हैं जिनमें से 60 लाख बड़े एग्जाम में बैठते हैं। औसतन 15-16 मुख्य परीक्षाएं सालाना आयोजित होती हैं और करीब 1.5 लाख उम्मीदवारों की नियुक्ति होती है।