पहले दो शिफ्टों में होनी थी परीक्षा
इससे पहले NEET PG परीक्षा 15 जून को दो शिफ्टों में होनी तय थी। लेकिन कोर्ट ने 30 मई को आदेश दिया था कि परीक्षा केवल एक ही शिफ्ट में कराई जाए। साथ ही NBE को यह छूट भी दी थी कि वह जरूरत पड़ने पर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा सकता है।
NBEMS ने क्यों मांगा समय?
NBEMS ने कोर्ट को बताया कि उन्हें परीक्षा के लिए देशभर में 250 से ज्यादा शहरों में 1,000 से अधिक परीक्षा केंद्रों की जरूरत होगी। इसके अलावा लगभग 60,000 स्टाफ की आवश्यकता भी होगी, जिसमें इनविजिलेटर, सिस्टम ऑपरेटर और सुरक्षा कर्मचारी शामिल हैं। परीक्षा कंप्यूटर आधारित है, इसलिए इतने बड़े स्तर पर व्यवस्थाएं करने के लिए और समय जरूरी था। यह भी पढ़ें:
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पिछले साल पहली बार NEET PG परीक्षा दो शिफ्टों में हुई थी। उस समय भी छात्रों ने यह चिंता जताई थी कि अलग-अलग शिफ्ट में पेपर का स्तर अलग हो सकता है, जिससे मेरिट पर असर पड़ सकता है।
2024 की परीक्षा के बाद उम्मीदवारों ने परिणामों की पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने मांग की थी कि NBE को आंसर की, रिस्पॉन्स शीट, रॉ स्कोर, और नॉर्मलाइज किए गए रिजल्ट सभी शिफ्टों के लिए सार्वजनिक करने चाहिए। साथ ही यह भी आग्रह किया गया था कि काउंसलिंग प्रक्रिया तब तक रोकी जाए जब तक सभी मुद्दों का समाधान न हो जाए।
अब एक शिफ्ट में परीक्षा
अब जबकि परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित होगी, छात्रों को उम्मीद है कि पेपर का स्तर सबके लिए समान रहेगा और परिणामों में पारदर्शिता बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला छात्रों की उन चिंताओं को ध्यान में रखकर लिया गया है जो पिछले वर्षों में सामने आई थीं।