कौन हैं राजीव शर्मा?
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले राजीव शर्मा लंब समय तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में मुख्यत: झालावाड़, दौसा, राजसमंद, जयपुर ट्रैफिक, भरतपुर, जयपुर में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवा दी है। यही नहीं, भरतपुर और बीकानेर आईजी का पद भी संभाला है। वह एसीबी के डीजी भी रह चुके हैं। सीबीआई में संयुक्त निदेशक पद सहित विभिन्न जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कितने पढ़े-लिखे हैं राजीव शर्मा?
राजीव शर्मा 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं। राजस्थान कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार, वे एमए और एमफिल जैसी डिग्री हासिल कर चुके हैं। वहीं उनका गृह जिला मथुरा है।
कैसे होता है डीजीपी का चयन?
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को नए डीजीपी के चयन के लिए डीजी रैंक के अधिकारियों का पैनल भेजा है। नियमानुसार पैनल में अधिकतम 10 नाम भेजे जा सकते हैं। नाम उन्हीं के भेजे जाते हैं, जिनको पुलिस सर्विस में 30 वर्ष से अधिक का अनुभव हो और उन अधिकारियों की इच्छा हो। कार्मिक मंत्रालय संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को राज्य सरकार का पैनल भेजेगी। इसके आधार पर यूपीएससी पैनल में डीजी रैंक के अधिकारियों की वरिष्ठता और सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर डीजीपी पद के लिए योग्य तीन अफसरों के नाम राज्य सरकार को चयन के लिए वापस भेजेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन तीन नामों में से किसी भी एक को डीजीपी पद पर नियुक्त कर सकते हैं। दो साल का होगा कार्यकाल
राजीव शर्मा अगले वर्ष मार्च में सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में वह डीजीपी बनते हैं तो उन्हें पूरे दो साल का कार्यकाल पूरा करने का मौका मिलेगा। वह न्यूनतम जुलाई 2027 तक डीजीपी बने रहेंगे।