जूझ रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब मौजूदा स्वीकृत पदों के बजाय अब कैडर रिव्यू कर अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से पद स्वीकृत किए जाने चाहिए।
वर्ष | भर्ती (संख्या) |
---|---|
2016-17 | 2,445 |
2017-18 | 1,359 |
2018-19 | 0 |
2019-20 | – |
2020-21 | 1,998 |
2021-22 | 0 |
2022-23 | 1,765 |
2023-24 | 0 |
2024-25 | 1,700 |
Jobs: 35% तक डॉक्टरों की कमी
CAG और HDI report, के मुताबिक, प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के संस्थानों में डॉक्टरों की कमी 35.51% और विशेषज्ञ चिकित्सकों की 38.55% दर्ज की गई। तृतीयक संस्थानों में भी 21.45% डॉक्टर और 24.89% विशेषज्ञों के पद खाली हैं। कॉलेज और सीटें भी बढ़ीं 31 मार्च 2016 तक प्रदेश के 7 जिलों में 8 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। वहीं नीट-यूजी 2025 सीट मैट्रिक्स के मुताबिक अब राजस्थान में 42 मेडिकल कॉलेज 30 सरकारी व 12 निजी हैं। जिनमें 5668 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत हैं। इनमें से 3618 सरकारी और 2050 निजी सीटें हैं। 2022 से 2025 तक मात्र तीन साल में 1231 सीटें बढ़ीं, जिनमें सरकारी कॉलेजों में ही 841 सीटों का इजाफा हुआ। यानी, हर साल सैकड़ों नए डॉक्टर तैयार हो रहे हैं।
सालाना भर्ती के प्रयास जारी- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अब नए डॉक्टरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कुछ दिन पहले ही 1700 नए डॉक्टरों को नियुक्ति दी गई है। प्रयास कर रहे हैं कि भर्ती के नए पदों की संख्या बढाने के साथ भर्ती सालाना तौर पर हो।