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देवेश भैया इस रास्ते पर चलने वाले अकेले नहीं हैं। इससे पहले भी कई जेईई टॉपर्स ने भारत की प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थाओं को छोड़कर अमेरिका की विश्वविख्यात यूनिवर्सिटीज का विकल्प चुना है। JEE Advanced 2023 के टॉपर वेद लोहाटी ने भी IIT बॉम्बे में एक साल पढ़ने के बाद MIT में एडमिशन लेने का निर्णय लिया था। इसी तरह 2020 के टॉपर चिराग फालोर और 2014 के टॉपर चित्रांग मुर्डिया ने भी विदेश में उच्च शिक्षा को प्राथमिकता दी थी। चित्रांग ने MIT से ग्रेजुएशन और यूसी बर्कले से पीएचडी की।
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देवेश भैया का अकादमिक सफर भी अत्यंत प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 2021 और 2022 में इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड में दो गोल्ड मेडल और 2024 में इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में एक गोल्ड मेडल जीता। उन्हें 2020 में बाल शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। मात्र 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने लाइट पॉल्यूशन पर रिसर्च पेपर लिखकर विज्ञान के क्षेत्र में अपनी गहरी समझ का परिचय दिया।
JEE Advanced Topper Devesh Pankaj Bhaiya: बैकअप के तौर पर दी थी जेईई परीक्षा
MIT में दाखिला पहले ही तय होने के बावजूद, देवेश ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा में शामिल होकर देश के प्रतिष्ठित परीक्षा में भाग लिया। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ओलंपियाड विजेता और जेईई जैसे कठिन परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए MIT और अन्य वैश्विक संस्थान अपने दरवाजे खुले रखते हैं।