राजस्थान में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में अब ऑफलाइन भी मिलेगा प्रवेश, कभी भी ले सकते है एडमिशन
Rajasthan News : राजस्थान के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों (अंग्रेजी माध्यम) व राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में ऑनलाइन प्रवेश के बाद अब ऑफ लाइन प्रवेश जुलाई में भी होंगे।
Rajasthan News : राजस्थान के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों (अंग्रेजी माध्यम) व राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में ऑनलाइन प्रवेश के बाद अब ऑफ लाइन प्रवेश जुलाई में भी होंगे। इन विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया के अन्तर्गत 7 मई 2025 से 15 जून 2025 तक शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी। ऑनलाइन भरे गए आवेदनों की लॉटरी 17 जून को निकाली गई थी। लॉटरी द्वारा चयनित विद्यार्थियों को 5 जुलाई तक स्कूल में प्रवेश लिया जाना है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में संचालित पूर्व प्राथमिक बाल वाटिका कक्षाओं में तय सीट से कम आवेदन या विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं तो रिक्त सीटों के लिए 5 जुलाई 2025 के उपरांत ऑफलाइन तथा ऑनलाइन आवेदन लेकर प्रवेश दिया जा सकता है।
इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। सीट खाली होने पर संस्था प्रधान की ओर से पूरे साल आवेदन करने पर विद्यार्थी को प्रवेश देकर अध्ययन करवाया जाएगा।
रिक्त सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया ऐसे होगी
पूर्व प्राथमिक/बाल वाटिका कक्षाओं की शेष रही रिक्तियों के संबंध में ऑफलाइन/ऑनलाइन आवेदन सत्र पर्यंत लिए जाएंगे। अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाओं की शेष रही रिक्तियों के संबंध में ऑफलाइन/ऑनलाइन आवेदन भी सत्र पर्यंत लिए जाएंगे।
तय प्रावधानों के अनुसार होगा प्रवेश
इसी प्रकार से अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं की शेष रही रिक्तियों के संबंध में ऑफलाइन/ऑनलाइन आवेदन शिविरा पंचांग 2025-26 में सामान्य हिन्दी विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए तय प्रावधानों के अनुसार होगा।
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा प्रवेश
अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रिक्त सीटों पर प्रवेश ऑनलाइन या ऑफलाइन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। विद्यालय की सम्बंधित कक्षा में रिक्त सीट है तो आवेदन करने वाले विद्यार्थी को वहीं विद्यालय आवंटित किया जाएगा। जिससे अभिभावक सीधे उसी विद्यालय में प्रवेश के लिए दस्तावेज पेश कर सकें।