धौलपुर. जिला को हरा-भरा करने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है। वन विभाग ने जिले में रोपण के लिए विभिन्न नर्सरियों में 10 लाख पौधे तैयार किए हैं। जिनमें से धौलपुर नर्सरी में 2.50 लाख तो सागरपाड़ा स्थित घडिय़ाल अभ्यारण्य में 1 लाख पौधे सृजित किए गए हैं। शासन से पौधों का मूल्य निर्धारण होने के बाद जुलाई माह से इनका वितरण प्रारंभ हो जाएगा।
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण जरूरी है। घटते वन क्षेत्र को बचाने के लिए सभी को सचेत होना ही होगा। जिसको लेकर शासन वन विभाग के अधीन मानसून से पहले पौधों को सृजन करवती है। इसके तहत इस साल जिले की विभिन्न नर्सरियों में 10 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। जिनमें से डीएफओआर के तहत 2.50 लाख पौधे धौलपुर नर्सरी में, 1 लाख पौधे नावार्ड योजना के तहत सागरपाड़ा स्थित घडिय़ाल अभ्यारण्य में, 50 हजार पौधे सैंपऊ नर्सरी में 65 हजार पौधे तैयार किए गए हैं।
इन पौधों में छायादार, फलदार और फूलदार पौधे शामिल हैं। तैयार इन पौधों की डिटेल विभाग 30 जून तक पोर्टल पर अपलोड कर देगा। जबकि सरकार की तरफ से इन पौधों का मूल्य निर्धारण होने के बाद विभाग 1 जुलाई से इन पौधों का वितरण प्रारंभ कर देगा।धौलपुर नर्सरी इंचार्ज रामनिवास ने बताया कि इस साल 2.50 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। जिनमें छायादार पौधों में करंज, पापड़ी, केशियाश्यामा, सिरस, अमलतास, आंवला, बेलपत्र, जामुन, गुलमोहर, समी, पलटाफार्म, पारस पीपल, पीपल, सीसम, मेहंदी, हेज के पौधों हैं, जबकि इस बार सरकार ने नर्सरियों को फूल वाले पौधें तैयार नहीं करने को कहा, लेकिन विभाग ने कनेर, गुलाब, हरसिंगार के कुछ पौधों का भी सृजन किया है। इसके अलावा नवार्ड योजना के तहत सागरपाडा में तैयार किए जा रहे फलदार पौधों में जामुन, अमरूद, नींबू, आवंला शामिल हैं इसके अलावा करंज, पापड़ी, पीपल, सीसम, बेलपत्र, अरस्टोनिया, गुलाब के पौधे तैयार किए गए हैं।
एक जुलाई से किया जाएगा वितरण मानसून से पहले 1 जुलाई से विभाग पौधों का वितरण प्रारंभ कर देगा। हालांकि अभी शासन ने पौधों का दाम निर्धारित नहीं किया है। विभाग की मानें तो शासन 30 जून से पहले दाम निर्धारित कर देगा। पिछले साल एक पौधे का दाम 6 रुपए निर्धारित किया गया था। इसी दाम में सभी राजकीय विभागों सहित नागरिकों को पौधे वितरित किए गए थे, हालांकि शिक्षा विभाग को 50 प्रतिशत की छूट देते हुए 3 रुपए में पौधे दिए गए थे। क्योंंकि विभाग ने पिछली साल अच्छी खासी संख्या में पौधे खरीदे थे। हालांकि पौधे के दाम उसकी हाइट से भी निर्धारित की जाती है। जैसे 1 फीट का पौधे के दाम 6 रुपए तो 2 फीट के पौधे के दाम 9 रुपए होती है। इसके अलावा जैसा पौधा और जैसी हाइट उतनी ही दाम रहते हैं।
जलभराव से गले पांच लाख पौधे वन विभाग प्रत्येक सीजन के लिए पहले से ही तैयारी प्रारंभ कर देता है। जिससे समय पर पौधों को तैयार किया जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए 2025-26 के लिए विभाग ने नर्सरी में पांच लाख पौधे तैयार किए गए थे। लेकिन पिछली साल मानसून के दौरान नर्सरी में हुए जलभराव के कारण पांच लाख पौधे यूं ही गल गए। हालात यह रही कि दोबारा पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी में जगह तक नहीं बची। जिसके बाद जलभराव वाली जगह पर मिट्टी डालकर बेड तैयार किए गए और दोबारा पौधों का सृजन किया गया।
फोटो सेशन तक सीमित होता पौधरोपण! धरा को हरा भरा…या क्लीन एण्ड ग्रीन धरती बनाने के नाम पर मानसून के सीजन में राजकीय विभागों से लेकर सामाजिक संगठन, निजी संस्थाएं, राजनीतिक दलों तक हर कोई बड़ी उत्साह के साथ जगह-जगह पौध रोपण करता है। जिसका पौधे रोपित करते हुए फोटो सेशन भी किया जाता है। तो वहीं सरकार भी अच्छा खासा बजट खर्च कर कार्यक्रम भी आयोजित कराती है। जिसकी सुर्खियां समाचार पत्रों में हेडलाइन बनती हैं, लेकिन पौधरोपण करने के बाद अगले दिन से सामजिक संगठन हो या राजनीतिक दल हर कोई इन रोपित पौधों को भूल जाता है। उपेक्षा के कारण धीरे-धीरे या तो यह पौधे सूख जाते हैं या कोई पशु इन्हें खा जाता है। यानी अगले सीजन तक सब कुछ साफ…।
कहां कितने पौधे किए गए तैयार रेंज नर्सरी लक्ष्य धौलपुर धौलपुर 245000 धौलपुर सैंपऊ 65000 बाड़ी हिंगोटा 172806 बाड़ी बिजोली 200000 सरमथुरा खुर्दिया 350000 राजाखेड़ा राजाखेड़ा 70000
वनविहार तालाबशाही 100000