शहर में आए दिन किसी न किसी अस्पताल में ऐसे केस सामने आ रहे हैं जहां इलाज को आए मरीज को जिंदगी के बदले मौत मिल रही है। मगर स्वास्थ्य विभाग निरंकुशता की हद को पार कर मूक बैठा है। जानकारी के अनुसार हुसैनपुर निवासी उषा (21) पत्नी सत्यवीर को प्रसव पीड़ा होने पर निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के एवज में डॉक्टरों ने 25 हजार रुपए की मांग की। जिसे परिजनों जमा भी करवा दिया। मगर ऑपरेशन के बाद प्रसूता ऊषा की हालत बिगडऩे लगी। आनन-फानन में डॉक्टर ने प्रसूता को दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा। लेकिन अस्पताल से बाहर निकलते ही ऊषा की मौत हो गई।
मौत की सूचना पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। शव को जिला अस्पताल की मॉच्र्युरी में रखवाया गया है। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
मरीजों की जिंदगी दाव पर… शहर में जगह-जगह खुले निजी अस्पतालों में मरीज की जिंदगी दाव पर लगी हुई है। हाल ये है कि इन निजी अस्पताल में चिकित्सक तक नहीं है। केवल चिकित्सक का प्रमाण पत्र लटका रखा है। मौके पर कम्पाउडर और कुछ स्टाफ मिलता है, जो अपने स्तर पर ही भर्ती कर लेता है। शहर में खुले इन अस्पतालों में लगातार कई केस सामने आ चुके हैं लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
– मामले के बाद सरल अस्पताल को सीज करवा दिया गया है। विभाग जल्द ही ऐसे अस्पतालों में ताला डलवाएगा जो बगैर रजिस्ट्रेशन और तय मानकों के हिसाब से संचालित नहीं हो रहे। – धर्म सिंह मीणा, सीएमएचओ
– प्रकरण को लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। प्रकरण में मामला दर्ज हुआ है। सीओ शहर मामले की जांच करेंगे। – अशोक सिंह, उप निरीक्षक, कोतवाली धौलपुर