जिम्मेदारों विभागों की कछुआ चाल के कारण अभी तक जिले भर में 15 हजार से ज्यादा एनएफएसए योजना से जुडऩे आवेदन पेडिंग चल रहे हैं। जिनमें सबसे ज्यादा धौलपुर शहरी और ग्रामीण में पेंडिंग हैं शहरी में जहां 1410 आवेदन तो ग्रामीण क्षेत्र में 2637 आवेदनों को सत्यापन का इंतजार है। अगर जिले भर आवेदनों की बात की जाए तो सभी ब्लॉके के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर 20 हजार 887 आवेदन किए गए हैं।
इनमें बाड़ी शहरी 795 और ग्रामीण 3854, बसेड़ी शहरी 381 तो ग्रामीण 3098 आवेदन खाद्यान्न योजना से जुडऩे के लिए किए गए हैं। इसके अलावा सरमथुरा में 1957, राजाखेड़ा में 3117 तो सैंपऊ में 3215 आवेदन आए हैं। एनएफएसए योजना से जुड़ने के लिए सरकार ने 26 जनवरी से फिर बंद पोर्टल को प्रारंभ किया था। जिसके बाद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक 1350 लोगों ने खाद्यान्न योजना से जुडऩे आवेदन किया था। जिनकी भी सत्यापन प्रक्रिया अभी जारी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा आवेदन
उपभोक्ताओं ने योजना से जुड़ने के लिए सबसे ज्यादा आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र के मुकाबले 14 हजार 543 आवेदन ज्यादा किए गए हैं। यानी सभी ब्लॉकों के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 हजार 715 आवेदन तो शहरी क्षेत्रों में 3 हजार 172 आवेदन खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए किए गए। जिनमें से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 हजार 370 उपभोक्ताओं के आवेदन अभी तक पेंडिंग हैं जिस कारण उनको खाद्यान्न मिलने में भी विलम्ब हो रहा है।
दो साल पहले किए 11 हजार 620 आवेदन पेंडिंग
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जुडऩे उपभोक्ताओं दो साल पहले किए गए आवेदन भी अभी तक पेंडिंग चल रहे हैं। पहले आवेदन ऑफलाइन ही किए जाते थे। अब प्रक्रियाओं में भी बदलाव आया है। अप्रेल 2022 से 15 अप्रेल 2025 तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 37 हजार 288 आवेदन उपभोक्ताओं ने किए गए थे। जिसके बाद इनमें से 16 हजार 8 आवेदन को अपू्रव्ड किए गए तो 11 हजार 620 आवेदन किसी न किसी वजह से अभी भी पेंडिंग हैं। 10 आवेदनों को रिजेक्ट भी किया गया।
आवेदन सत्यापन की यह प्रक्रिया
खाद्यान्न योजना से जुडऩे के लिए आवेदन को चार लेवल को पार करना होता है। आवेदन पोर्टल पर जाकर आसानी से किया जा सकता है। जिसके बाद यह आवेदन एसडीएम कार्यालय पहुंचने के बाद आवेदन सत्यापन के लिए शहरी आवेदन नगर पालिका तो ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदन पंचायत समिति को भेजा जाता है। जिसके बाद फिर यह आवेदन दोनों विभागों की निर्धारित कमेटी इनकी जांच पड़ताल करती है। जिसके बाद फिर वापस इन्हें एसडीएम कार्यालय भेजा जाता है जिसके बाद इन आवेदनों को अपू्रव्ड किया जाता है। अगर इन आवेदन कुछ गड़बड़ी होती है तो उपभोक्ता को इन्हें वापस भेज दिया जाता है जिससे वह दोबारा आवेदन कर सके। खाद्यान्न से जुड़ने वाले आवेदन सत्यापन के लिए शहरी क्षेत्र में नगर पालिका और ग्रामीण में पंचायत समितियों को जाते हैं। सत्यापन का कार्य इन्हीं विभागों के अधीन होता है। –कल्याण सहाय, जिला रसद अधिकारी धौलपुर