दरअसल, जीतू चंबल, कुख्यात हथियार तस्कर रामदत्त उर्फ सोनू चंबल का भाई है, जो आनंदपाल गैंग से जुड़ा हुआ है। यह कार्रवाई धौलपुर के राजाखेड़ा थाना क्षेत्र के बसई घीयाराम गांव में हुई।
सोनू चंबल का आपराधिक इतिहास
बता दें, रामदत्त उर्फ सोनू चंबल एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी है, जिसके खिलाफ राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हत्या, अपहरण, डकैती, पुलिस पर फायरिंग और हथियार तस्करी जैसे 35 गंभीर मामले दर्ज हैं। वह पहले भी पुलिस पर गोलीबारी कर फरार हो चुका है और लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था। हाल ही में उसे हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया। सोनू, जीतू और उनके भाई शिवदत्त, कुख्यात आनंदपाल गैंग के सक्रिय सदस्य रहे हैं। इस गैंग ने धौलपुर के बीहड़ों में आतंक मचा रखा था।
AGTF का जोखिम भरा ऑपरेशन
दरअसल, AGTF के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। पुलिस उपमहानिरीक्षक योगेश यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा की निगरानी में इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर AGTF ने बसई घीयाराम गांव में जीतू चंबल के घर पर छापा मारा। वहां से AK-47 राइफल और 34 कारतूस बरामद हुए। जीतू और तेजपाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। धौलपुर के एसपी सुमित मेहरड़ा और राजाखेड़ा थानाधिकारी रामकिशन यादव की टीम ने भी इस कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई।
पहले भी हुई थी मुठभेड़
बता दें, 8 मई 2025 को AGTF और धौलपुर DST ने सदापुर गांव के बीहड़ों में संयुक्त ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान सोनू चंबल की गैंग ने पुलिस पर फायरिंग की थी। जवाबी कार्रवाई में कुख्यात अपराधी माधव सिंह पकड़ा गया, जिसके पास से 12 बोर बंदूक, 315 बोर कट्टा और 35 कारतूस बरामद हुए। हालांकि, सोनू चंबल तब फरार हो गया था। माधव सिंह के खिलाफ राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना में 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अवैध फायरिंग रेंज का खुलासा
वहीं, जांच में पता चला कि सोनू चंबल ने बसई घीयाराम और सदापुर के बीहड़ों में अवैध फायरिंग रेंज बनाई थी, जहां वह अन्य राज्यों के अपराधियों को शरण देता और उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता था। सोनू की गिरफ्तारी के बाद उसकी गैंग की कमान जीतू चंबल संभाल रहा था। AGTF ने गैंग के अन्य सदस्यों को चिह्नित कर लिया है और उनकी तलाश जारी है।
बरामद हथियारों का जखीरा
सोनू चंबल गैंग से अब तक AK-47, 12 बोर बंदूक, दो 315 बोर कट्टे, 34 राउंड AK-47 कारतूस, 23 राउंड 12 बोर, 9 राउंड 315 बोर और 5 राउंड 32 बोर कारतूस बरामद किए गए हैं। इस कार्रवाई में ASI शैलेंद्र शर्मा, हेड कांस्टेबल मदन लाल, अरुण कुमार, कांस्टेबल बृजेश शर्मा, श्रवण कुमार और रामसहाय की भूमिका सराहनीय रही।