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धौलपुर

शहर में बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों में नहीं चिकित्सक, फिर भी हो रहे ऑपरेशन

निजी अस्पतालों में लगातार इलाज के दौरान लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। पूर्व में जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर कुछ निजी अस्पताल सीज किए लेकिन इसके कुछ दिन बाद वापस पुराना ढर्रा लौट आया। हाल ये हे कि निजी अस्तपालों के पास एमबीबीएम चिकित्सक तक नहीं है,

धौलपुरMay 12, 2025 / 06:39 pm

Naresh

शहर में बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों में नहीं चिकित्सक, फिर भी हो रहे ऑपरेशन A large number of private hospitals in the city do not have doctors, yet operations are being conducted
– इन संस्थानों की जांच तक नहीं, सीएमएचओ बैठकों में व्यस्त

धौलपुर. शहर में बाड़ी रोड स्थित सरल निजी हॉस्पिटल में इलाज के बाद प्रसूता की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। उधर, तुरत-फुरत में निजी हॉस्पिटल को सीज कर दिया लेकिन बाद में आवश्यक साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज डीवीआर, कागजात समेत अन्य साक्ष्यों को लेकर आला अधिकारी परेशान दिखे। निजी अस्पतालों में लगातार इलाज के दौरान लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। पूर्व में जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर कुछ निजी अस्पताल सीज किए लेकिन इसके कुछ दिन बाद वापस पुराना ढर्रा लौट आया। हाल ये हे कि निजी अस्तपालों के पास एमबीबीएम चिकित्सक तक नहीं है, लेकिन किसी डॉक्टर का प्रमाण पत्र जरुर अस्पताल में टंगा मिल जाएगा। लेकिन उक्त चिकित्सक नहीं मिलता है। प्रशासन की जांच के दौरान यह मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी सीएमएचओ कार्यालय ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया।
उक्त मामले में सीएमएचओ डॉ.धर्मसिंह मीणा से बात करनी चाही लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। गौरतलब रहे कि हुसैनपुर निवासी उषा (21) पत्नी सत्यवीर को प्रसव पीड़ा होने पर निजी हॉस्पिटल सरल में भर्ती कराया था। आरोप है कि ऑपरेशन के एवज में 25 हजार रुपए भी जमा करवा लिए। ऑपरेशन के बाद प्रसूता ऊषा की हालत बिगडऩे पर उसे रैफर कर दिया। जिसके कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया। परिजनों के हंगामा के बाद तुरत-फुरत में बाद में अस्पताल को सीज कर दिया गया।
इधर सीज…उधर फिर से खुले

शहर में निजी अस्पतालों में मिली कमियों के बाद कई अस्पतालों के गत दिनों सीज किया गया था। लेकिन इसके बाद यह वापस दूसरे स्थान पर नए नाम से खुल जाते हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ लोगों ने अस्पतालों को ठेका पर ले रखा है। इन्हें 4 से 8 लोग संचालित करते हैं। यहां चिकित्सक कभी दिखाई ही नहीं दिया।
आगरा, ग्वालियर और छत्तीसगढ़ तक चिकित्सक…

कई निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में चिकित्सकों के केवल डिग्री की तस्वीर टंगी है। लेकिन चिकित्सक नहीं है। जिसकी डिग्री लगी है वो आगरा, ग्वालियर, जयपुर और छत्तीसगढ़ का है। यानी राजस्थान मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस चिकित्सक तो कम ही हैं। सूत्रों के अनुसार इन चिकित्सकों की डिग्री के नाम पर दूसरे लोग अस्पताल चला रहे हैं। अस्पताल में भी प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। लेकिन इन्हें जांचने वाला कोई नहीं है।
रजिस्ट्रेशन के बाद जांच तक नहींसीएमएचओ कार्यालय में निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन के बाद जांच तक की फुर्सत नहीं है। सीएमएचओ बैठक और बाहर के कार्यक्रमों में व्यस्त रहते हैं। कई केस सामने आने के बाद भी कोई जांच तक नहीं हुई है। टीम जाती है लेकिन रिपोर्ट का पता नहीं चलता।
– मर्ग रिपोर्ट दर्ज कर ली है। निजी अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित किए हैं। उधर, सीएमएचओ स्तर पर जांच होनी है, उसकी रिपोर्ट 15 दिन में आने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

– मुनेश मीणा, सीओ (शहर) धौलपुर

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