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Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे हैं विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sankashti Chaturthi 2025: आश्विन माह की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2025 इस बार 10 सितंबर को है। जानें तिथि, चंद्रोदय का समय, शुभ मुहूर्त, योग और पंचांग। गणपति पूजन से जीवन की बाधाएं होंगी दूर और मिलेगा मनचाहा वरदान।

भारतSep 04, 2025 / 02:58 pm

Dimple Yadav

Sankashti Chaturthi 2025

संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे हैं विशेष योग
(photo- grok ai)

Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू पंचांग में आश्विन माहीनें को बेहद खास माना गया है। इस महीने में दो बड़े पर्व आते हैं। पहला पितृ पक्ष और दूसरा शारदीय नवरात्र। पितृ पक्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, वहीं शारदीय नवरात्र शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान भक्त माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति प्राप्त होती है।
इसी महीने में एक और महत्वपूर्ण व्रत आता है जिसे विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित होता है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता कहा जाता है और मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और खास कामों में सफलता मिलती है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और रात को चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का समापन करते हैं।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2025 की तिथि और मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि वर्ष 2025 में 10 सितंबर, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 11 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इस दिन चंद्र दर्शन का शुभ समय रात 8 बजकर 06 मिनट पर होगा।

शुभ योग का संयोग

इस बार की संकष्टी चतुर्थी और भी खास होने वाला है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग एक साथ ही बनने जा रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार इस दिन वृद्धि योग, ध्रुव योग और शिववास योग का संयोग रहने वाला है। मान्यता है कि इन योगों में गणेश जी की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

पंचांग विवरण

  • सूर्योदय: सुबह 06:04 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:32 बजे
  • चंद्रोदय: रात 08:06 बजे
  • चंद्रास्त: सुबह 09:35 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:31 से 05:18 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:23 से 03:12 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:32 से 06:55 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 11:55 से 12:41 बजे तक

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