Janmashtami 2025: जन्माष्टमी व्रत खोलने की सही विधि
जन्माष्टमी की पूजा करने के समय एक विशेष पारंपरिक नियम का पालन किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, खीरे के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीकात्मक आयोजन किया जाता है और नियम से विधिपूर्वक उनकी पूजा की जाती है। साथ ही उनके 108 नामों का स्मरण यानी जाप किया जाता है। जब पूजा संपन्न हो जाती है, तो पहले भगवान को उनकी प्रिय भोग सामग्री अर्पित की जाती है और फिर उसी प्रसाद को ग्रहण करके व्रत खोला जाता है। यह एक धार्मिक नियम माना जाता है जिससे व्रत का समापन पवित्र तरीके से होता है।व्रत खोलते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतें
भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाए गए भोग से व्रत तोड़ने के बाद आप सामान्य फलाहार या अन्य व्रत अनुकूल चीजें खा सकते हैं, लेकिन कुछ सावधानियों को भी ध्यान में जरूर रखें।सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करें कि आप तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन से पूरी तरह परहेज करें। यहां तक कि लहसुन-प्याज से बनी चीजें भी नहीं खानी चाहिए। बेहतर होता है कि व्रत खोलते समय आप इन चीजों से दूर रहें और फल, दूध या साबूदाना जैसी सात्विक चीजों को ही चुनें। इससे न केवल आपकी श्रद्धा बनी रहती है बल्कि शरीर भी हल्का और ऊर्जा से भरपूर महसूस करता।