scriptराम नाम के जाप से मिटते हैं दुख: संत रामभद्राचार्य | Emphasis on organizing and strengthening the paper trade\\\\\\\\\\ | Patrika News
धर्म-कर्म

राम नाम के जाप से मिटते हैं दुख: संत रामभद्राचार्य

बेंगलूरु. भगवान श्रीराम का नाम लेना और श्रीराम कथा का श्रवण करना जीवन में सुख, शांति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। श्रीराम केवल एक नाम नहीं, अपितु परम ब्रह्म हैं। उनके नाम का उच्चारण वेदों के पारायण के समान फलदायी होता है।यह बातें कथावाचक संत रामभद्राचार्य ने श्रीराम परिवार दुर्गा पूजा समिति की […]

बैंगलोरJun 13, 2025 / 08:14 pm

Bandana Kumari

बेंगलूरु.

भगवान श्रीराम का नाम लेना और श्रीराम कथा का श्रवण करना जीवन में सुख, शांति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। श्रीराम केवल एक नाम नहीं, अपितु परम ब्रह्म हैं। उनके नाम का उच्चारण वेदों के पारायण के समान फलदायी होता है।यह बातें कथावाचक संत रामभद्राचार्य ने श्रीराम परिवार दुर्गा पूजा समिति की ओर से पैलेस ग्राउंड के प्रिंसेज श्राइन में आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन श्रीराम कथा का वाचन करते हुए कही।
संत रामभद्राचार्य ने कहा, राम नाम की महिमा अपरंपार है। त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि ने सौ करोड़ रामायणें रचीं, जिसका सार गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में प्रस्तुत किया। भगवान राम का चरित्र इतना विराट है कि वह करोड़ों ग्रंथों में समाहित है। कर्नाटक की पावन भूमि किष्किंधा में सीता की खोज करते हुए स्वयं भगवान श्रीराम ने भी रामकथा का गान किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की मर्यादा राम से है। उन्होंने कहा, महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के प्रथम उद्गाता हैं और गोस्वामी तुलसीदास अंतिम उद्गाता। प्रभु श्रीराम चरित का गुणगान करते हुए गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि नाना भांति राम अवतारा। रामायण शत कोटि अपारा।
उन्होंने कहा कि जब हमारे जीवन में वाल्मीकि रामायण के श्लोक आ जाएंगे तो जीवन में शोक नहीं रह जाएगा। जो शोक को काट फेंके, वही श्लोक कहलाता है। रामकथा हमें दुखों से मुक्ति देकर, जीवन को राममय बना देती है।संत रामभद्राचार्य ने राजा दशरथ के पुत्रों के नामकरण का प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने कहा कि गुरु वशिष्ठ ने कौशल्या के पुत्र का नाम राम, कैकेयी के पुत्र का भरत, और सुमित्रा के पुत्रों का नाम लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न रखा। जब दशरथ ने वशिष्ठ से राम नाम के अर्थ के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि ये चारों पुत्र वेदों के तत्व हैं। दक्षिणा स्वरूप वशिष्ठ ने चारों बालकों को हृदय में धारण करने की इच्छा जताई।

कथा से पहले हुआ पूजन

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य यजमान जसराम महेंद्र कुमार वैष्णव, मिथिलेश तिवारी, सुरेश मोदी, संजय अग्रवाल आदि के पूजन से हुआ। महेंद्र कुमार वैष्णव ने संत रामभद्राचार्य का माल्यार्पण कर स्वागत किया। आचार्य रामचंद्र दास ने आरती संपन्न करवाई। सेवा का लाभ हरिश्चंद्र झा परिवार ने लिया।इस अवसर पर समिति के सचिव अजय प्रकाश पाण्डेय, सह यजमान सुनील बजाज, राजू सुथार, हरिश्चंद्र झा, श्रीराम परिवार दुर्गा पूजा समिति, एकल श्रीहरि वनवासी फाउंडेशन के पदाधिकारी और विभिन्न समाजों के सदस्य उपस्थित थे।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / राम नाम के जाप से मिटते हैं दुख: संत रामभद्राचार्य

ट्रेंडिंग वीडियो