निजी विद्यालयों के प्रबंधकों के शोषण का आरोप
राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं स्वयं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के भ्रष्टाचार के कारण जिले के निजी विद्यालयों के संचालकों से अस्थायी मान्यता के संबंध में भ्रामक स्थिति उत्पन्न करने एवं यू- डायस निर्गत करने के शासनादेश के नाम पर प्रबंधकों का भरपूर शोषण करने के साथ- साथ उनको प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है।
जानिए क्या है मामला
डॉ गौरव ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व व बाद में मान्यता प्राप्त विद्यालयों को यू- डायस निर्गत नहीं किया जा रहा है। जबकि पूर्व में कई विद्यालयों को निर्गत किया गया है। 2017 और उसके पूर्व व बाद के मान्यता के पत्रावली का बीएसए द्वारा अस्थायी व स्थायी के भ्रामक स्थिति को बताकर जानबूझकर प्रबंधकों को परेशान किया जा रहा है।
BSA को निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच की मांग
गौरव ने बीएसए को निलंबित कर उनके विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। वहीं बीएसए कार्यालय में तैनात यू-डायस प्रभारी व आर.टी.ई. के प्रभारी के मोबाइल और उनके खातों की भी जांच कराने की भी मांग की है। उन्होने यह भी मांग किया है कि अपार आई.डी. की जटिलता में सहूलियत दिया जाए, मान्यता प्राप्त विद्यालय के बच्चों का आधार एवं जन्म प्रमाण पत्र बनने में जटिलता होने के कारण प्रभावित छात्रों का आधार बनाने में विद्यालय को सुविधा प्रदान की जाए।
इनकी रही उपस्थिति
इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी राजेश सिंह, प्रदेश महामंत्री डॉ. विनीत मिश्रा,जिलाध्यक्ष जनार्दन चौहान, रामाशीष चौहान, डॉ. योगेश द्विवेदी, विश्वविजय मल्ल,अमरनाथ यादव, विजय पटेल, रामेश्वर मणि, सच्चिदानंद, हरेराम मल्ल, श्रीप्रकाश पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।