पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था के तहत लागू की जाने वाली नियमावली 2025 की अधिसूचना तैयार की जा रही है।
पंचायती राज सचिव ने आगे कहा कि यह अधिसूचना वर्तमान में राजकीय मुद्रणालय रुड़की में छपाई के लिए भेजी गई है। इसे जल्द ही अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर स्थिति स्पष्ट की जाएगी ताकि अदालत से आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त हो सकें। राज्य सरकार न्यायालय की गरिमा और आदेशों का पूरा सम्मान करती है और पंचायती व्यवस्था को पूरी तरह संवैधानिक व कानूनी प्रक्रिया के तहत संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
10 और 15 जुलाई को होना था चुनाव
हाईकोर्ट का यह आदेश उस समय आया है जब राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना 21 जून को जारी कर दी थी। इसके बाद प्रदेश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। चुनाव की तारीखें भी तय थीं मतदान 10 और 15 जुलाई को प्रस्तावित था। लेकिन चुनावी आरक्षण की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं होने के कारण कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है और फिलहाल पूरे चुनावी कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। इस रोक के बाद अब पंचायत चुनाव की घोषणा और तैयारियों पर अस्थायी विराम लग गया है।
इस पूरे घटनाक्रम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सरकार और निर्वाचन आयोग ने पहले ही चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली थीं। अब सरकार को आरक्षण नियमावली की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर अदालत के समक्ष पेश करना होगा, तभी पंचायत चुनाव पर लगा यह रोक हट सकेगा।