NEET Counselling: सुविधा मिलने से बालिकाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि इन पंचायतों की भौगोलिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीट के स्थान पर सीधे प्रवेश परीक्षा ली जाए, ताकि अधिक छात्राएं स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि यह सुविधा मिलने से आदिवासी अंचल की बालिकाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा बैठक में गांवों में बुनियादी सुविधाएं, विकास कार्यों और युवाओं के लिए खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर भी चर्चा हुई। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि पंचायत चुनाव के कारण गांवों में खेल गतिविधियां रुकी हुई थीं, जिन्हें अब एनएमडीसी की मदद से पुन: शुरू किया जाएगा।
इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविंद कुंजाम, धुरली सरपंच विजय कुंजाम, गामावाड़ा सरपंच सुनील भास्कर, कमेली सरपंच कारण तामो, भांसी सरपंच मीरा भास्कर सहित गोविंद कुंजाम, सुनील बारसा, राजू कुंजाम, रवि तेलाम, विजय कर्मा, सोमारू भास्कर, मंगली बारसे, राजाराम नेताम समेत कई पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।