वहीं संदीप पाटिल ने कहा कि यह दुखद है कि मुंबई के पूर्व कप्तान मिलिंद रेगे, लेफ्ट ऑर्म स्पिनर पैडी शिवालकर और इस्माइल का इस साल इतने कम समय में निधन हो गया। यह पिछले दो महीनों की अवधि में ही हुआ है। मैंने अपना करियर इन तीनों के साथ ही शुरू किया था। मुझे याद है कि हैदराबाद के खिलाफ अपने पहले मैच में मुंबई के लिए मैंने 44.4 ओवर बॉलिंग की थी और अब्दुल मुझे गाइड कर रहे थे। मैं गेदबाज के तौर पर खेला था। उनके निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख पहुंचा।
अब्दुल इस्माइल मुंबई के लिए 75 प्रथम श्रेणी मैचों में 18.08 की औसत से 244 विकेट चटकाए हैं। वेस्ट जोन के लिए कई दलीप ट्रॉफी जीत का हिस्सा होने के अलावा वह मुंबई के पांच रणजी खिताबों के मुख्य शिल्पकार थे। हालांकि घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद वह उन प्रमुख क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्हें दुर्भाग्य से भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिल सका।
करसन घावरी और एकनाथ सोलकर के साथ इस्माइल ने 1970 के दशक में मुंबई पेस तिकड़ी बनाई। वहीं बाएं हाथ के स्पिनर पद्माकर शिवालकर ने उनका बखूबी साथ दिया। 19 जनवरी में वानखेड़े स्टेडियम की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया था। इस्माइल वानखेड़े में पहले मैच में शामिल थे, अब्दुल इस्माइल ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद कोचिंग में शामिल रहे और आयु समूहों और रणजी ट्रॉफी में मुंबई के चयनकर्ता के रूप में भी काम किया।
टैक्सी ड्राइवर के बेटे अब्दुल इस्माइल संयोग से ईरानी कप में अपना पहला और अंतिम प्रथम श्रेणी मैच खेला था। वहीं रिटायरमेंट के बाद कोचिंग के अलावा, उन्होंने एज ग्रुप और रणजी ट्रॉफी में मुंबई के चयनकर्ता के रूप में भी अपनी सेवाएं दी।