लीड्स में भारत का रिकॉर्ड और पिछला अनुभव
गौरतलब है कि भारत ने पिछले दो दशकों में लीड्स में ज़्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। 2021 में जब भारतीय टीम आख़िरी बार इस मैदान पर उतरी थी, तब उसे पारी की करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार पिच और मौसम का मिजाज टीम इंडिया के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
हेडिंग्ले पिच में उछाल, लेकिन मौसम का असर अहम
हेडिंग्ले के पिच क्यूरेटर रिचर्ड रॉबिन्सन ने पिच को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा, “यहां असामान्य रूप से शुष्क मौसम और इंग्लैंड की आक्रामक क्रिकेट शैली ने एक अच्छी सतह की संभावनाएं बढ़ा दी हैं।” रॉबिन्सन के अनुसार, शुरुआती एक-दो दिन तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिल सकती है, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, पिच धीरे-धीरे सपाट होती जाएगी।
भारतीय बल्लेबाजी की होगी कड़ी परीक्षा
रॉबिन्सन का मानना है कि यह पिच इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के लिए तो मुफीद होगी ही, साथ ही भारतीय बल्लेबाज़ों को भी अपनी तकनीकी दक्षता साबित करने का मौका देगी। अनुभवहीन भारतीय टॉप ऑर्डर के लिए यह मुकाबला किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।
घास की लंबाई और हार्डनेस से तय होगा मैच का रुख
पिच पर मौज़ूद घास की लंबाई टेस्ट शुरू होने तक घटकर 8 मिलीमीटर रह जाएगी, जो कि हेडिंग्ले के लिए एक सामान्य स्थिति मानी जाती है। रॉबिन्सन का मानना है कि अंतिम मूल्यांकन टेस्ट की सुबह ही संभव है। उन्होंने पिच की हार्डनेस को लेकर संतुष्टि जताई है और उम्मीद की है कि इससे अच्छा उछाल मिलेगा, ठीक वैसा जैसा इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम चाहते हैं।
मौसम एक बड़ा फेक्टर
मंगलवार को दोपहर में पिच को पूरी तरह ढक दिया गया ताकि अत्यधिक सूखने से बचाया जा सके। इस बीच, बेन स्टोक्स और इंग्लैंड टीम ने अभ्यास पिच पर नेट सेशन किया। स्टोक्स ने सिंगल स्टंप को निशाना बनाते हुए गेंदबाज़ी की और अभ्यास का समापन किया। तापमान लगभग 22 डिग्री सेल्सियस था और हल्की हवा चल रही थी, जिससे सतह जल्दी सूख सकती है। कुल मिलाकर, क्रिकेट के लिए परिस्थितियां आदर्श मानी जा रही हैं।