42 वर्षीय पूर्व तेज गेंदबाज ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं कि आपके नाम पर ट्रॉफी का होना कितना बड़ा है, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि सचिन तेंदुलकर के साथ आपका नाम जुड़ा है। वह मेरे लिए अब तक के सबसे महानतम क्रिकेटरों में से एक हैं। मैं ट्रॉफी पर अपने नाम के साथ उनका नाम देखता हूं तो बड़ा अजीब लगता है। उन्हें मैंने बचपन से देखा हैं और उनके खिलाफ खेला है। वह महान क्रिकेटर रहे हैं, जिन्होंने पूरे करियर में देश की उम्मीदों का बोझ उठाया है।
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने किया था विरोध
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने भारत के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का नाम पटौदी ट्रॉफी से बदलकर तेंदुलकर-एंडरनसन ट्रॉफी किया था, जिसका पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने खुलकर विरोध किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने एक कॉलम में सचिन तेंदुलकर से पहले एंडरसन का नाम पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने तो भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों से अपील की थी कि वे इस सीरीज को ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ कहें ना कि एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी। उस वक्त पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा था कि ECB को सीरीज का कोई भी नाम देने का पूरा अधिकार है। फिर भी भारतीय प्रशंसकों के लिए यह हैरान करने वाला है कि एंडरसन का नाम तेंदुलकर से पहले क्यों रखा गया। सचिन तेंदुलकर और कपिल देव ना केवल भारत के महानतम क्रिकेटर हैं, बल्कि उम्र के लिहाज से तेंदुलकर इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज एंडरसन से 12 साल बड़े हैं।