जा सकती थी जान
बच्ची को तत्काल राजकीय उप जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां ईएनटी विशेषज्ञ डाॅ. लोकेंद्रसिंह राठौड़ और उनकी टीम ने बच्ची को आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर में स्थानान्तरित किया। प्रभारी डॉ. चंद्रभान जांगिड़ ने बताया कि सिक्का रुचिका की खाने और सांस की नली के बीच कठिन स्थिति में फंसा हुआ था। यह स्टेज बेहद संवेदनशील था, क्योंकि थोड़ी सी भी देर बच्ची की जान ले सकती थी।
एक्स-रे में चला पता
बच्ची का एक्स-रे करने पर पता चला कि सिक्का फंसकर सांस की नली को ब्लॉक कर रहा है। जिस पर डॉ. राठौड़, डाॅ. कमलेश व उनकी टीम ने ऑपरेशन शुरू किया और सफलता से सिक्के को बाहर निकाल लिया। अब रुचिका पूरी तरह सुरक्षित है। ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत पूरी तरह निशुल्क किया गया। जिससे बच्ची के परिजनों को आर्थिक राहत भी मिली।