रोडवेज सूत्रों के अनुसार, चूरू डिपो ने 22 बसों की मांग की है, जिसमें से करीब दर्जनभर बसें डिपो को मिलने की उमीद जताई जा रही है। वर्तमान में चूरू डिपो के पास कुल 39 बसें संचालित हो रही हैं, जिनमें से 19 बसें निगम की हैं, जबकि 20 अनुबंध पर ली गई हैं।
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दिल्ली, बीकानेर और जोधपुर रूट पर भी तैयारी
रोडवेज प्रशासन दिल्ली रूट पर भी नई बसें चलाने पर विचार कर रहा है। वहीं, जोधपुर और बीकानेर जैसे रूटों पर फिलहाल कोई बस संचालित नहीं हो रही है। संभावना है कि नई बसों के मिलने के बाद इन मार्गों पर भी रोडवेज की बसें दौड़ती नजर आएंगी।
प्रदेश का सबसे गर्म और सबसे ठंडा जिला मुख्यालय होने के चलते चूरू डिपो ने 6 एसी बसों की मांग भी की है। सीकर, झुंझुनूं डिपो को एसी बसें मिली हुई हैं। यदि मुख्यालय यह मांग स्वीकार करता है तो चूरू के यात्रियों को पहली बार गर्मी और सर्दी दोनों मौसमों में एसी सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
सितंबर तक बसें मिलने की उम्मीद
जानकारों की मानें तो सितंबर तक नई बसें रोडवेज बेड़े में शामिल हो जाएंगी। इससे चूरू डिपो की सेवाएं मजबूत होंगी और यात्रियों को समय पर, सुरक्षित और सुलभ परिवहन सुविधा का लाभ मिलेगा।
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नई बसें मिलने के बाद इन्हें जयपुर, झुंझुनूं, रतनगढ़ और राजगढ़ जैसे अधिक यात्री भार वाले रूटों पर चलाया जाएगा। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और कम किराए में यात्रा का विकल्प मिलेगा। अनुमान है कि इन रूटों पर झुंझुनूं, रतनगढ़ और राजगढ़ के लिए 6-6 तथा जयपुर के लिए 2 ट्रिपें बढ़ाई जा सकती हैं।