यूं करते ठगी
एसपी साइबर क्राइम पुलिस मुयालय शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर ठग फोन या व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए लोगों से संपर्क करते हैं। वे उन्हें बताते हैं कि उनकी कोई डिलीवरी आने वाली है और डिलीवरी देने के बहाने या तो ओटीपी पूछने की कोशिश करते हैं या फिर उन्हें एक खास नंबर डायल करने को कहते हैं। यह नंबर अक्सर ##21# से शुरू होता है। जैसे ही पीड़ित ##21# डायल करता है, उसके मोबाइल की कॉल फारवर्डिंग सक्रिय हो जाती है। इसका मतलब है कि पीड़ित के फोन पर आने वाली सभी कॉल सीधे साइबर अपराधी के नंबर पर फॉरवर्ड हो जाती हैं।
कॉल और ओटीपी का मिलता एक्सेस
साइबर अपराधियों को जैसे ही आपकी कॉल और ओटीपी का एक्सेस मिलता है। वह तुरंत आपके बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं या यूपीआई लिंक भेजकर आपको ठगी का शिकार बनाते हैं। पुलिस का कहना है कि वे ऐसे लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाते हैं, जिनके पास वाकई कोई ऑनलाइन डिलीवरी आने वाली होती है, जिससे उनका झांसा और भी विश्वसनीय लगता है।
ठगी से बचने के लिए यह करें
● यदि डिलीवरी के नाम पर आने वाली किसी भी कॉल के दौरान आपको कोई नंबर डायल करने को कहा जाए तो उसे बिल्कुल न दबाएं।● जब डिलीवरी मैन आपके घर पहुंचे तो सबसे पहले यह जांचें कि वह किस कंपनी से आया है और आपका कूरियर, किस कंपनी से आने वाला था। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही ओटीपी साझा करें और हो सके तो पैकेज को उसी के सामने खोलकर जांच करें।