यह है मामला
कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने बताया कि 18 जून को नारकोटिक्स विभाग नीमच ने रूद गांव में रतनलाल के नाम पर अफीम काश्त का पट्टा जारी है। वह सुबह 6 बजे अपने खेत पर गए तो नाटकोटिक्स की टीम ने उन्हें घेर लिया। उनसे पूछा की अफीम कहा पर है। इस पर उन्होंने अफीम होने से इंकार कर दिया। टीम ने खेत के पास खुदवाए गए बोर के निकट खुद ने ही करीब सात इंच जमीन खोदी और उसमें स्टील की कैटली को निकाली। उसमें कथित तौर पर अफीम होना बताते हुए रतनलाल को गिरफ्तार कर लिया। उसी समय उसका पुत्र किशन भी मौके पर पहुंचा। उसे भी पट्टेदार बताते हुए गिरफ्त में ले लिया। उन्होंने किशनलाल को छोडऩे की एवज में मुखिया के मार्फत 45 लाख की मांग की और दो दिन की मोहलत देते हुए पिता रतनलाल को अपने साथ ले गए। ज्ञापन में बताया कि रतनलाल के घर और खेत में तीन किलोमीटर की दूरी है। वहां से आम रास्ता निकल रहा है। यदि यह अफीम रतनलाल की होती तो वह घर से तीन किलोमीटर दूर क्यों छुपाता। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई नारकोटिक्स विभाग द्वारा मुखिया के जरिए फर्जी तरीके से अंजाम दी गई है। इसी प्रकार पिछले दस दिनों में दस से अधिक केस इसी तरह बनाए गए हैं। उनसे भी लाखों रुपए की मांग की गई थी।