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छिंदवाड़ा

जल गंगा संवर्धन अभियान में ए ग्रेड से चूका छिंदवाड़ा

इस अभियान में पिछले दो माह से जिले भर में नदी, नाले किनारे विभिन्न संस्थाओं के बोर्ड लगाकर जल संरक्षण की शपथ दिलाई जा रही है। इसके साथ ही नदी स्त्रोतों की सफाई, पॉलीथिन हटाने समेत हर कवायदें की जा रही है। इस अभियान की समीक्षा में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह कई बार जनपद पंचायत सीइओ को नोटिस जारी कर चुके है।

छिंदवाड़ाJun 29, 2025 / 11:08 am

manohar soni

जल गंगा संवर्धन अभियान में तमाम कवायद करने के बाद भी छिंदवाड़ा ए ग्रेड का जिला नहीं बन पाया है। उसे ६९.५२ अंक लेकर बी ग्रेड में संतुष्ट होना पड़ा। छिंदवाड़ा को फार्म पोंड में १६.२०, डगवैल में १८.४८ अंक प्राप्त हुए। यह अभियान ३० जून तक चलेगा।

इस अभियान में पिछले दो माह से जिले भर में नदी, नाले किनारे विभिन्न संस्थाओं के बोर्ड लगाकर जल संरक्षण की शपथ दिलाई जा रही है। इसके साथ ही नदी स्त्रोतों की सफाई, पॉलीथिन हटाने समेत हर कवायदें की जा रही है। इस अभियान की समीक्षा में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह कई बार जनपद पंचायत सीइओ को नोटिस जारी कर चुके है। इसके साथ ही नाराजगी व्यक्त चुके है। इसके बावजूद अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार नहीं हो पाया है। छिंदवाड़ा से पहले खंडवा, रायसेन और बालाघाट का नम्बर है। खंडवा की तारीफ तो मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव कर चुके है।


परासिया और तामिया फिसड्डी साबित


फिलहाल छिंदवाड़ा अधिकांश अभियान और कार्यक्रम में प्रदेश में अव्वल रहा। जल संवर्धन अभियान में पीछे रह गया। ब्लॉक वाइज मार्किंग में देखा जाए तो बिछुआ ७९.३४, चौरई ७८.२५, जामई ७१.२०, हर्रई ७०.८८, अमरवाड़ा ७०.३४, छिंदवाड़ा ६९.३३, मोहखेड़ ६८.५२, तामिया ६४.६८, परासिया ६४.२५ अंक मिले। इस पर कलेक्टर की ओर से परासिया और तामिया के जनपद सीइओ की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। साथ ही वेतन रोकने कहा गया है।


ये उपलब्धिया भी…सूखा तालाब में आया पानी


छिंदवाड़ा.जलगंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत विकासखण्ड परासिया के ग्राम शालीवाड़ा शारदा ने सूखा तालाब जल से भर गया है। गांव के मध्य स्थित वर्षों पुराना तालाब गंदगी, झाडिय़ों और प्लास्टिक कचरे के कारण उपयोगहीन हो गया था। लेकिन जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम पंचायत के नेतृत्व और ग्रामीणों की भागीदारी ने इस तालाब की तकदीर बदल दी है।
पीएचई विभाग की तकनीकी टीम ने पहले तालाब का सर्वे कर आवश्यक सुधार बिंदु तय किए। इसके बाद प्राकृतिक नालों की सफाई कर वर्षा जल को तालाब की ओर मोड़ा गया। तालाब की खुदाई कर उसकी गहराई और जल संग्रहण क्षमता बढ़ाई गई। ग्रामवासियों ने भी श्रमदान कर सफाई और निर्माण में पूर्ण योगदान दिया। आज वही सूखा और गंदगी से पटा तालाब पानी से लबालब है। खेतों में सिंचाई संभव हो गई है, हैंडपंप व कुएं रीचार्ज हो चुके हैं, और भूजल स्तर में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं। गांव में हरियाली लौट आई है और किसान प्रसन्न हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान ने केवल एक तालाब को नहीं, बल्कि एक पूरे गांव की सोच और भविष्य को बदल दिया है। जहां जल, वहां कल” की भावना को साकार करते हुए ग्राम शालीवाड़ा शारदा एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है और ग्रामीणों ने जल संरक्षण के महत्व को अच्छी तरह समझ लिया है।

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