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छतरपुर

त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में 75 प्रतिशत अंक पर ही मिलेगा चौथे वर्ष ऑनर्स डिग्री में प्रवेश

तीन वर्ष की पढ़ाई के उपरांत आगे अध्ययन नहीं करना चाहता है तो उसे बीए, बीएससी, बीकॉम की डिग्री प्रदान की जाएगी जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु मान्य होगी।

छतरपुरApr 25, 2025 / 10:20 am

Dharmendra Singh

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महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

छतरपुर. महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर के यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (यूटीडी) में शैक्षणिक सत्र में यदि कोई छात्र तीन वर्ष की पढ़ाई के उपरांत आगे अध्ययन नहीं करना चाहता है तो उसे बीए, बीएससी, बीकॉम की डिग्री प्रदान की जाएगी जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु मान्य होगी। लेकिन जो विद्यार्थी ऑनर्स अथवा शोध आधारित डिग्री (चतुर्थ वर्ष) प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक अर्जित करना अनिवार्य होगा। इसके उपरांत ही वे बीए ऑनर्स या बीए रिसर्च में प्रवेश ले सकते हैं।

विषय चुनने में सावधानी जरूरी


विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर सुमति प्रकाश जैन ने बताया प्रवेश प्रक्रिया के दौरान विषय चयन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। विद्यार्थियों को एक मुख्य विषय (मेजर), एक गौण विषय (माइनर) तथा एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है। यदि विद्यार्थी तीन में से किसी विषय को वैकल्पिक नहीं बनाना चाहता है तो वह सामान्य वैकल्पिक विषयों अथवा एनसीसी, एनएसएस, शारीरिक शिक्षा में से किसी एक का चयन कर सकता है। स्नातकोत्तर डिग्री केवल मुख्य विषय (मेजर) में ही की जा सकती है, अत: विषय चयन सोच-समझकर किया जाना चाहिए। विशेष विषयों जैसे कंप्यूटर विज्ञान, माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, फॉरेंसिक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, बीज प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, मृदा संरक्षण एवं जल प्रबंधन तथा मनोविज्ञान के पाठ्यक्रम हेतु 7000 रुपए शुल्क निर्धारित है।

देश भर के छात्रों को मिलेगा एडमिशन


महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) 2025-26 के लिए रजिस्टर्ड हो गया है। अब, देशभर के विभिन्न राज्यों से छात्र एमसीबीयू में शिक्षा प्राप्त करने के लिए इस प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होंगे और विश्वविद्यालय में दाखिला प्राप्त करेंगे।

75 फीसदी सीटें सामान्य तरीके से भरी जाएंगी


वर्तमान में विश्वविद्यालय सीयूईटी के माध्यम से अपने यूजी प्रोग्राम के लिए केवल 25 प्रतिशत सीटों का चयन करेगा। जबकि शेष 75 प्रतिशत सीटें पिछले वर्षों की तरह सामान्य तरीके से भरी जाएंगी। इसके जरिए विश्वविद्यालय को अधिक से अधिक छात्रों को अपनी शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा। मीडिया समिति की सदस्य एवं सहायक प्राध्यापक पूजा तिवारी ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि, कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी के मार्गदर्शन में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने सीयूईटी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। अब पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए इस विश्वविद्यालय में दाखिला प्राप्त करना संभव हो जाएगा।

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