2021 में जमीन आवंटन
राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए वर्ष 2021 में भूमि आवंटित की थी। सांसद वीडी शर्मा की पहल पर मध्यप्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया और आयुष विभाग ने केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद को प्रस्ताव भेजा। अब निर्माण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और शीघ्र ही भूमिपूजन की प्रक्रिया पूरी होते ही कार्य प्रारंभ होगा।
विशेषज्ञों की देखरेख में मिलेगी आयुर्वेदिक चिकित्सा
इस चिकित्सालय में आयुर्वेदिक पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, ध्यान और डिटॉक्सिफिकेशन थेरेपी जैसी सेवाएं विशेषज्ञों की देखरेख में उपलब्ध होंगी। 15 से 30 दिन के चिकित्सा कोर्स विशेष रूप से उन पर्यटकों को ध्यान में रखकर तैयार किए जाएंगे जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं।
पर्यटन कारोबार को मिलेगा बढावा
विशेषज्ञों का कहना है कि खजुराहो जैसे ऐतिहासिक और विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर इस प्रकार का चिकित्सालय खुलना बेहद लाभकारी होगा। जहां एक ओर यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक हेरिटेज टूरिज्म और वाइल्डलाइफ का आनंद लेते हैं, वहीं अब उन्हें स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति के लिए भी यह एक प्रमुख स्थल के रूप में आकर्षित करेगा। इस परियोजना से न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि खजुराहो का नाम प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगा। इससे स्थानीय होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसियों और हस्तशिल्प कारोबार को भी सीधा लाभ मिलेगा।
नेचुरोपैथी चिकित्सालय क्या होता है
प्राकृतिक चिकित्सक रामपाल प्रजापति ने बताया नेचुरोपैथी चिकित्सालय एक ऐसा स्वास्थ्य केंद्र होता है जहां बिना दवाइयों के, पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से बीमारियों का इलाज किया जाता है। इसमें आहार, योग, ध्यान, जल चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा, मसाज, स्टीम बाथ, और डिटॉक्सिफिकेशन थेरेपी जैसी विधियों का उपयोग होता है।
नेचुरोपैथी में इलाज का आधार
- शरीर की प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना
- शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालना
- जीवनशैली को सुधारना
- मानसिक शांति और शारीरिक संतुलन स्थापित करना
नेचुरोपैथी चिकित्सालय में मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं
योग और ध्यान – मानसिक तनाव कम करने और एकाग्रता बढ़ाने हेतुपंचकर्म थेरेपी- शरीर की सफाई और संतुलन हेतु आयुर्वेद आधारित उपचार
मिट्टी चिकित्सा- शरीर की गर्मी और सूजन को कम करने के लिए मिट्टी पट्टियां
जल चिकित्सा- गर्म पानी, ठंडे पानी से स्नान और बॉडी क्लींजर ट्रीटमेंट
फिजिकल थेरेपी और मसाज- शरीर के दर्द और थकावट को दूर करने के लिए
सात्विक आहार व्यवस्था- फल, हरी सब्बिजयां, जूस, और हाई फाइबर फूड पर आधारित डाइट
स्टीम और सॉना बाथ- शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद
आयुर्वेदिक उपचार- जैसे पंचकर्म, अभ्यंग, शिरोधारा आदि