प्रमुख बदलाव
किराना दुकानों पर KYC अपडेट: RBI ने अब बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स (BC) जैसे स्थानीय किराना दुकानदारों को KYC अपडेट की प्रक्रिया में शामिल करने की अनुमति दी है। ग्राहक अपने नजदीकी दुकान पर जाकर बायोमेट्रिक e-KYC के माध्यम से सेल्फ-डिक्लेरेशन जमा कर सकते हैं, खासकर अगर उनकी जानकारी में कोई बदलाव नहीं हुआ है या केवल पता बदला है। लो-रिस्क ग्राहकों के लिए राहत: लो-रिस्क श्रेणी के ग्राहकों को KYC अपडेट के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। अब वे KYC को 30 जून 2026 तक या ड्यू डेट से एक साल के भीतर, जो भी बाद में हो, अपडेट कर सकते हैं। इस दौरान उनके खाते में लेनदेन जारी रहेंगे, लेकिन बैंकों को इन खातों की निगरानी करनी होगी।
डिजिटल और ऑफलाइन विकल्प: अगर KYC जानकारी में कोई बदलाव नहीं है या केवल पता बदला है, तो ग्राहक डिजिटल चैनलों (मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग) या ऑफलाइन मोड के माध्यम से सेल्फ-डिक्लेरेशन जमा कर सकते हैं, बिना अतिरिक्त दस्तावेजों के। आधार OTP-आधारित e-KYC और वीडियो-आधारित पहचान प्रक्रिया (V-CIP) को भी अपडेट के लिए स्वीकार किया जाएगा।
बैंकों को रिमाइंडर की जिम्मेदारी: RBI ने बैंकों को KYC अपडेट से पहले और बाद में ग्राहकों को कम से कम तीन बार रिमाइंडर भेजने का निर्देश दिया है, जिसमें कम से कम एक पत्र शामिल होगा। इन रिमाइंडर में KYC अपडेट की आसान जानकारी, सहायता के लिए संपर्क विवरण और KYC न अपडेट करने के परिणामों का उल्लेख होगा। बैंकों को इन रिमाइंडर का रिकॉर्ड रखना होगा।
KYC कैंप और जागरूकता अभियान: RBI ने बैंकों को ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में KYC अपडेट कैंप आयोजित करने और उन शाखाओं में केंद्रित अभियान चलाने का निर्देश दिया है, जहां अपडेट की संख्या अधिक लंबित है।
ग्राहकों को लाभ
यह कदम खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो दूरस्थ बैंक शाखाओं में जाने में असमर्थ हैं, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी और सरकारी योजनाओं (जैसे DBT और PMJDY) के लाभार्थी। डिजिटल विकल्पों के विस्तार से समय और प्रयास की बचत होगी। बार-बार दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता कम होने से प्रक्रिया सरल होगी। लंबित KYC अपडेट के कारण खातों के फ्रीज होने का जोखिम कम होगा।
RBI का उद्देश्य
RBI का कहना है कि ये बदलाव मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड को रोकने के साथ-साथ ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने के लिए किए गए हैं। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि KYC प्रक्रिया ग्राहक-अनुकूल हो और अनावश्यक देरी से बचा जाए।
विशेषज्ञों की राय
बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि ये नियम ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए लाभकारी हैं। एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा, “KYC अपडेट में देरी और फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम समय की मांग था। बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाएगा।”
1 जनवरी 2026 से लागू
RBI ने इन नियमों को लागू करने के लिए बैंकों को 1 जनवरी 2026 तक का समय दिया है। साथ ही, बैंकों को अपनी सिस्टम में बदलाव करने और ग्राहकों को जागरूक करने के लिए कहा गया है। यह कदम न केवल बैंकिंग प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि डिजिटल और समावेशी बैंकिंग को भी बढ़ावा देगा, जिससे लाखों ग्राहकों को सीधा लाभ पहुंचेगा।