अभी तक नियम क्या थे?
EY इंडिया के टैक्स पार्टनर अमरपाल चड्ढा बताते हैं कि आयकर अधिनियम 1961 के मुताबिक केंद्र / राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण के कर्मचारियों को मिलने वाली कम्यूटेड पेंशन पूरी तरह टैक्स फ्री है। लेकिन Private Sector Employees को सीमित छूट मिलती है। अगर कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलती है, तो पेंशन की एक-तिहाई (1/3rd) रकम टैक्स मुक्त होती है। अगर ग्रेच्युटी नहीं मिलती तो पेंशन की आधी (1/2) रकम टैक्स मुक्त होती है। इसके अलावा, बीमा नियामक IRDA द्वारा स्वीकृत पेंशन योजना से मिलने वाली कम्यूटेड पेंशन भी पूरी तरह टैक्स मुक्त होती है। इसमें न केवल सैलरी पाने वाले कर्मचारी आते हैं बल्कि गैर-कर्मचारी जैसे प्रोफेशनल्स और स्वरोजगार से जुड़े लोग भी शामिल होते हैं।
नए टैक्स बिल 2025 में क्या बदलाव?
अमरपाल चड्ढा बताते हैं कि आयकर विधेयक 2025 में यह प्रावधान रखा गया था कि IRDA से पास पेंशन योजना से सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को मिलने वाली कम्यूटेड पेंशन पर छूट पहले की तरह मिलती रहेगी। लेकिन इसमें गैर-कर्मचारियों को लेकर अस्पष्टता बनी हुई थी। लोकसभा चयन समिति ने इस अस्पष्टता को खत्म करने की सिफारिश की है। समिति ने कहा है कि गैर-कर्मचारी वर्ग (जैसे स्वरोजगार वाले लोग) को भी अन्य स्रोत से आय (Income from Other Sources) शीर्षक के तहत स्पष्ट रूप से टैक्स छूट मिले। इसके मायने हैं कि अब गैर-कर्मचारियों के लिए भी वही फायदा उपलब्ध होगा जो कर्मचारियों को पहले से मिल रहा था।
क्या है विशेषज्ञों की राय
चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश सुरना का कहना है कि नए डायरेक्ट टैक्स बिल 2025 में अब सभी ऐसे लोगों के लिए, जो योजनाओं से बाहर हैं, सेक्शन 93(1)(जी) के तहत पूरी तरह छूट का प्रावधान कर दिया गया है। यानी अगर कोई गैर-कर्मचारी या अन्य व्यक्ति कम्यूटेड पेंशन लेता है तो पूरी रकम पर टैक्स से राहत मिलेगी। इस संशोधन से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और गैर-कर्मचारियों को सबसे बड़ा फायदा होगा। पहले जहां उन्हें आंशिक छूट या बिल्कुल छूट नहीं मिलती थी, अब टैक्स का बोझ पूरी तरह हट जाएगा।