बीमा सखी योजना का उद्देश्य
बीमा सखी योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें बीमा एजेंट के रूप में तैयार करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को तीन साल की व्यापक ट्रेनिंग प्रदान की जाती है, जिसके दौरान उन्हें न केवल बीमा क्षेत्र की बारीकियां सिखाई जाती हैं, बल्कि आर्थिक सहायता भी दी जाती है। यह योजना महिलाओं को न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर समाज में उनकी स्थिति को और मजबूत करती है।
आर्थिक सहायता और कमीशन
योजना के तहत महिलाओं को तीन साल तक मासिक स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है। पहले साल में 7,000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। यानी एक साल में 84 हजार रुपये मिलेंगे। दूसरे साल में 6,000 रुपये और तीसरे साल में 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। इस तरह, तीन साल में एक महिला को कुल 2 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त, पॉलिसी बेचकर महिलाएं पहले साल में 48,000 रुपये तक का कमीशन भी कमा सकती हैं। यह दोहरी आय की संभावना महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से सशक्त होने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है। प्रशिक्षण और प्रमाणन
तीन साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाओं को बीमा सखी सर्टिफिकेट और एलआईसी एजेंट कोड प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही वे आधिकारिक तौर पर बीमा एजेंट के रूप में काम शुरू कर सकती हैं। यह प्रमाणन उन्हें न केवल एक सम्मानजनक पेशा प्रदान करता है, बल्कि दीर्घकालिक आय का स्रोत भी सुनिश्चित करता है।
आवेदन प्रक्रिया
बीमा सखी योजना का लाभ उठाने के इच्छुक महिलाएं एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। यह प्रक्रिया सरल और सुलभ बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाएं इस अवसर का लाभ उठा सकें।
एलआईसी की बीमा सखी योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास प्रदान करती है। यह योजना न केवल महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि बीमा क्षेत्र में उनकी भागीदारी को बढ़ाकर देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देती है। यह पहल निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।