शुक्रवार को सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने तुकईथड़ में
खंडवा-अकोला रेलवे लाइन के निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण किया। उनके साथ विधायक मंजू दादू, पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर भी मौजूद रही। तुकईथड़ में निरीक्षण के दौरान सांसद ने अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता के निर्देश दिए। इस परियोजना में कुछ हिस्सों में गेज परिवर्तन पूरा हो चुका है और कुछ हिस्सों में काम चल रहा है।
आंकड़े एक नजर में
- 206 टोटल रेलवे लाइन डलेगी
- 54 किमी खंडवा से अमूल्लाखुर्द का काम पूरा हुआ
- 26 किमी अमूल्ला से खकनारकला में चल रहा काम
- 250 करोड़ का प्रोजेक्ट
- 2026-27 तक होगा प्रोजेक्ट
अभी खंडवा से अमूल्लाखुर्द तक ही काम पूरा
रेलवे के मुताबिक अभी खंडवा से अमूल्लाखुर्द तक 54 किमी का ही काम पूरा हुआ है। इसके आगे खकनारकला तक 26 किमी का काम चल रहा है। इस काम में देरी हुई, जिसके पीछे वन विभाग से मिलने वाली अनुमति की प्रक्रिया में देरी बताई गईं। इसके आगे खकनारकला से आकोट तक टेंडर कॉलिंग हो गया है, जल्द इसका भी काम शुरू होगा। आकोट से आकोला तक 50 किमी का काम भी निर्माणाधीन है।
डायवर्ट रूट पर अब नए स्टेशन भी बनेंगे
रेलवे के मुताबिक नया रूट जो बना है उस पर नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे। ये लाइन अब तुकईथड़ से आगे चिडिय़ामाल गांव से खडक़ी, खकनारकलां, उसारनी और महाराष्ट्र के पुराने रेलवे स्टेशन अडग़ांव बुजुर्ग में मिल जाएगा। इस ट्रेन रूट से हैदराबाद-जयपुर जाना आसान होगा और दूरी भी कम हो जाएगी। अभी ये सिंगल बड़ी रेलवे लाइन रहेगी।
बुरहानपुर स्टेशन पर दो नई लाइन डलेगी
सांसद ने कहा कि खंडवा-बुरहानपुर से भुसावल तक 131 किमी में तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने के लिए 3 हजार 513 करोड़ 86 लाख रुपए की राशि मिली है। रेल परियोजना के विस्तार से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को अन्य ज्योतिर्लिंग से रेल कनेक्टिविटी मिलेगी।
मेलघाट टाइगर रिजर्व को बचाने 80 किमी की नई लाइन
अकोला-खंडवा गेज कंवर्जन के लिए वन विभाग की ओर से मेलघाट टाइगर रिजर्व वाले क्षेत्र को बचाने के लिए यहां नई रेलवे लाइन की अनुमति नहीं दी। इसके बाद रेलवे ने अपना प्लान बदला। इस कारण प्रक्रिया में देरी हुई। वन विभाग की यह भूमि मिलती तो 51 किमी की लाइन थी, लेकिन अब रास्ता डायवर्ट होने से दूरी 80 किमी की हो गई याने 29 किमी की लाइन बढ़ गई।