शुरू में कुछ कार्यालय में सिस्टम बना था, लेकिन जर्जर होने के कारण पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है, जिससे बारिश का पानी सड़कों व नालों में बहता रहता है। जानकार सूत्रों की माने तो इसके अलावा कई सरकारी कार्यालय, ग्राम पंचायत भवन, नगर पालिका भवन सहित अन्य स्थानों पर भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अभाव है। कई कार्यालय में वर्षों पुराने सिस्टम लगे थे, लेकिन रखरखाव नहीं होने से उनका उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। जिससे जल संरक्षण का कार्य प्रभावित हो रहा है।
टांकों में पहुंचने की बजाय बह जाता है बरसाती पानी
नैनवां. वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल स्तर बढाने के उद्देश्य से स्थापित किया शहर के उपजिला चिकित्सालय का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। भवन निर्माण के बाद से उसकी मरम्मत तक नहीं की गई, जिससे उपयोगी नहीं बन पाया। पाइपों, नालियों के माध्यम से उपजिला चिकित्सालय भवन की छत का बरसात का पानी हार्वेस्टिंग के टांके तक पहुंचाने का पूरा सिस्टम स्थापित हो रहा है।
जल संरक्षण के लिए बरसाती एकत्रित करने के लिए चिकित्सालय के पीछे तीन टांके बने हुए है। हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए लगाए पाइप टूटते जा रहे तो अंडर ग्राउंड नालियां कचरे व पत्थरों से अटी पड़ी है, जिससे बरसात का पानी टांकों में तक पहुंचने के बजाए बह रहा है। कुछ ही पाइपों का पानी टांके तक पहुंचता है। बाकी पाइपों का पानी चिकित्सालय परिसर में फैल जाता है।
चिकित्सालय की छत का पानी नीचे उतारने के भवन के चहूं ओर तीन दर्जन से अधिक पाइप लगे हुए है। इनमें से दस पाइपों का भी पानी भी हार्वेस्टिंग टांकों तक नहीं पहुंच पा रहा है। बाकी पाइपों का पानी सड़क व परिसर से होता हुआ नालों में चला जाता है, जिससे भू जल बढाने के लिए स्थापित किया सिस्टम उपयोगी नही बन पाया। सिस्टम के लिए बना रखी नालियां अवरुद्ध होने से नालियां का पानी उफन कर बह जाता है।