CM भजनलाल ने बूंदी से की ‘वंदे गंगा जल अभियान’ की शुरुआत, मां चर्मण्यवती को ओढ़ाई 540 मीटर लंबी चुनरी
Vande Ganga jal Campaign: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बूंदी से ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जनअभियान’ की शुरुआत की है। इस दौरान उन्होंने चंबल नदी की पूजा अर्चना की और मां चर्मण्यवती को 125 साड़ियों से बनी चुनरी ओढ़ाई।
चंबल नदी की पूजा करते सीएम भजनलाल ( फोटो- पत्रिका)
Vande Ganga jal Campaign: बूंदी। गंगा दशहरा के अवसर पर गुरुवार को ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जनअभियान’ के तहत मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने केशवरायपाटन स्थित केशव घाट पर मां चर्मण्यवती (चम्बल नदी) की पूजा अर्चना की। इसके बाद केशवघाट से कोटा की तरफ रंगपुर घाट तक चम्बल नदी को 540 मीटर लम्बी चुनरी ओढ़ाई गई। महाआरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। करीब 2 घंटे तक चले कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में हुए जलसंरक्षण कार्यों का लोकार्पण भी किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से करीब एक घंटे विलम्ब से दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा केशवरायपाटन में चम्बल नदी किनारे बनाए गए हेलीपैड पर पहुंचे। हेलीकॉप्टर से उतरकर पहले उन्होंने मंदिर में जाकर भगवान केशोराय के दर्शन किए। इसके बाद घाट पर ही बनाए गए डोम में सभा को संबोधित किया।
125 साड़ियों को जोड़कर बनाई गई थी चुनरी
सभा के बाद मुख्यमंत्री ने केशवघाट के किनारे बैठकर चम्बल नदी की पूजा अर्चना की। फिर चुनरी महोत्सव का आयोजन हुआ। चुनरी ओढ़ाने के लिए केशवघाट से रंगपुर घाट तक नदी के दोनों पाटों के बीच 22 नावों को जोड़कर एक साथ कतार में खड़ा किया गया था। आयोजकों की तरफ से 125 साडियों को सिलकर 540 मीटर चुनरी तैयार की गई थी। मुख्यमंत्री ने चुनरी के एक सिरे को हाथ लगाकर कार्यक्रम की शुरूआत की।
11 पंडितों ने कराई पूजा
इसके बाद चुनरी का सिरा नावों के जरिए आगे बढ़ता गया। रंगपुर घाट पर पहुंचने के बाद चुनरी ओढ़ाने का कार्यक्रम समाप्त हुआ।आचार्य बद्रीनारायण शर्मा के नेतृत्व में 11 पंडितों ने नदी का अभिषेक और पूजन करवाया। आखिरी में महाआरती हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री भरतपुर के लिए रवाना हो गए।
कार्यक्रम में ये लोग हुए शामिल
कार्यक्रम में बूंदी के प्रभारी और ऊर्जामंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा, कल्पना देवी, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, बाबूलाल वर्मा, पूर्व विधायक चंद्रकान्ता मेघवाल समेत कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आमजन मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी लाल चुनरी में घाट पर बैठी रही।