वहीं इंद्रगढ़ तहसील में गत वर्ष की तुलना में सबसे ज्यादा 78 प्रतिशत बरसात अभी तक हो चुकी हुई है। जबकि जैतसागर एवं शंभू सागर ओवरफ्लो हो रहा है। लाखेरी का जिकजैक डेम भी लगभग भरने वाला है। गत वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 को जिले में औसत 1097.08 एमएम बारिश हुई। जबकि इस वर्ष 2025 में जनवरी से अब तक 18 जुलाई तक जिले में औसत 501.42 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जिले में शुक्रवार आठ बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक बूंदी में 31, तालेड़ा में 17, केशवरायपाटन में 25, इन्द्रगढ़ में 111, नैनवां में 234, हिण्डोली में 22, रायथल में 27 एमएम बारिश दर्ज की गई।वहीं शनिवार सुबह आठ से शाम पांच बजे तक जिले में बारिश दर्ज नहीं की गई।
यह बांध हुए लबालब
जिला आपदा नियंत्रण कक्ष प्रभारी अधिकारी सत्यवान शर्मा ने बताया कि जिले में लगातार हो रही बरसात से बूंदी के ऊपरी क्षेत्र के लगभग सभी बांध भर चुके हैं। इसमें मुख्य रूप से बरधा, भीमलत, अभयपुरा, चांदा का तालाब, इंद्रगढ़ का चाकण, इंद्राणी, माछली, हिण्डोली का मरडिया, बड़ानयागांव, गुढ़ा बांध एवं जिले का सबसे बड़ा गरड़दा सहित अन्य बांध शामिल है। अमूमन अगस्त तक बांध पूरे भरने की खुशखबरी सुनाई देती है, लेकिन इस बार लगातार 18े बांध भर चुके है।
जिले में लगातार हो रही बरसात से जुलाई के दूसरे सप्ताह में 11 बांध लबालब हो चुके है। जिले में अभी तक गत वर्ष 2024 केलेण्डर वर्ष के मुकाबले 45 प्रतिशत बरसात हो चुकी है। जबकि जुलाई एवं अगस्त का बरसाती सीजन बाकी है। इंद्रगढ़ तहसील में गत वर्ष की तुलना में सबसे ज्यादा 78 प्रतिशत बरसात अभी तक हो चुकी हुई है।
सत्यवान शर्मा, जिला आपदा नियंत्रण कक्ष प्रभारी, अधिकारी,बूंदी
धान का बढ़ेगा रकबा
जिले में लगातार हो रही बारिश से खरीफ-2025 की धान की फसल का क्षेत्रफल बढऩे की संभावना है, जिस धान की रौपाई हो चुकी है तथा जिसकी रौपाई चल रही है उसको बारिश से फायदा होगा। जबकि उड़द, सोयाबीन व मक्का की बुवाई की गई फसल में नुकसान होने की संभावना है। इन तीनों फसलों का 5 से 7 प्रतिशत बुवाई क्षेत्र धान में परिवर्तन होने की संभावना है।
के.के.सोमानी, कार्यवाहक संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार,बूंदी