CG Tiger Attack: जंगल में लकड़ी बीनने गए गया था युवक
जिससे व्यथित परिजन सड़ी-गली हालत में शव को बोरी में भरकर दोपहिया वाहन से 20 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तखतपुर तक लेकर गए। यह घटना केवल एक शेर के हमले की नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना की विफलता की भी कहानी है, जिसने एक मृत देह को सम्मान से अंतिम पड़ाव तक पहुंचाने से वंचित कर दिया।
जानकारी के अनुसार 15 मई की शाम उमाशंकर जंगल गया था, पर देर रात तक घर नहीं लौटा। अगले दिन परिजनों ने खोजबीन की तो जोगीपुर के लीम घाट झरना के पास उसका धड़ मिला। बाघ के हमले की आशंका पर वन विभाग और पुलिस को सूचना दी गई।
फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची, जांच के बाद पंचनामा किया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस ने वाहन नहीं दिया
शव मिलने के बाद जब परिजन
पोस्टमार्टम कराने जूनापारा चौकी पहुंचे, तो चौकी प्रभारी ने यह कहकर किनारा कर लिया कि कोई वाहन उपलब्ध नहीं है। मजबूर परिजन नम आंखों से शव को बोरी में डालकर अपने दुपहिया वाहन में तखतपुर स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां शव का पोस्टमार्टम किया गया।
पुलिस की इस असंवेदनशीलता ने परिजनों सहित
ग्रामीणों में नाराजगी है। इधर तखतपुर थाना प्रभारी देवेश कुमार राठौर ने कहा कि ऽवाहन खराब होने के कारण शव के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा सका।ऽ इस क्षेत्र में दो माह पूर्व भी ग्राम कठमुड़ा में बाघ ने एक किसान पर हमला किया था। तब वन विभाग ने निगरानी बढ़ाई थी। अब फिर से एक ग्रामीण की जान जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।