शिकायतकर्ता संजय डे ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने डीआईपी ध्रुवे ब्रदर्स कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। इस कंपनी के माध्यम से वे निवेशकों को 10 प्रतिशत मासिक लाभ और 13 माह बाद पूरी मूल राशि लौटाने का झांसा देते थे। लालच में आकर संजय डे सहित 13 निवेशकों ने कंपनी में पैसे लगाए। किसी ने नकद तो किसी ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और चेक के जरिए निवेश किया।
इन्होंने किया निवेश
पीड़ितों ने सामूहिक रूप से शिकायत की, जिसके आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि आरोपियों के झांसे में आकर संजय डे के अलावा कैलाश देवांगन, रितेश दामले, शोमा डे, आर्ची डे, चित्रकांत साहू, सारांश देवांगन, असीम रंजन साहा, अभिमन्यु विश्वकर्मा, मंजू पटेल, अंकना घोष, पल्लव धर और दानिश अंसारी ने भी निवेश किया।
शुरुआती लाभ देकर जमाया विश्वास
शुरुआत में आरोपियों ने कुछ लाभ का भुगतान कर विश्वास जमाया। लेकिन नवंबर 2023 से भुगतान रोक दिया और पैसे लौटाने से बचते रहे। जब निवेशकों ने रकम वापस मांगी तो लगातार टालमटोल करने लगे। अंतत: आरोपियों ने पैसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया।