सीपत के पूर्व विधायक अरुण तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके परिजनों को लेकर लगातार फेसबुक में अभद्र टिप्पणी कर रहे थे। फेसबुक पर टिप्पणी करते हुए न तो उन्होंने प्रधानमंत्री की गरिमा का ख्याल रखा और न ही अपनी पूर्व विधायक होने की परवाह की। उनके इस रवैये को लेकर भाजपा कार्यकर्ता रणजीत यादव ने सिविल लाइन थाने में शिकायत कराई थी। इस पर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू कर दी। बुधवार को पुलिस की टीम उनके रतनपुर फार्म हाउस पहुंची और वहां से उन्हें गिरफ्तार कर थाने ले आई। यहां उन्हें न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
विवादों से रहा पुराना नाता
बता दें कि अरुण विधानसभा चुनाव में बिलासपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन जमा किया था। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के मेयर रहे रामशरण यादव के वाइस रिकार्डिंग को शेयर किया था। रिकार्डिंग में रामशरण यादव ने कांग्रेस के तत्कालीन छत्तीसगढ़ प्रभारी पर 4 करोड़ रुपए लेकर टिकट बांटने के आरोप लगाए थे। ऑडियो वायरल होने के बाद मेयर रामशरण को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में बहाल कर दिए गए थे।