लेक्चरर संदीप वडेरा व अन्य ने अपनी याचिकाओं में कहा कि काउंसलिंग के लिए समान मापदंड अपनाने की मांग की, इसके बाद भी इसे नहीं माना जा रहा है। प्रिंसिपल पद के लिए टी संवर्ग के 1335 शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। डीपीआई द्वारा भेदभाव करने से पूरी प्रक्रिया दूषित हो जाएगी। एक ही पद पर पोस्टिंग के लिए दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा, यह समझ से परे है।
स्कूल शिक्षा विभाग में टी-संवर्ग के प्राचार्य पद पर 30 अप्रैल 2025 को 1335 व्यायाता, व्यायाता एल.बी.,प्रधान पाठक का प्रमोशन किया गया है एवं छ.ग. स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्य प्रमोशन पत्र के कंडिका 3 में स्पष्ट निर्देशित है कि उपरोक्त समस्त 1335 पदों पर पदस्थापना कांउसिलिंग के माध्यम से की जायेगी। इसके लिए संचालक लोक शिक्षण को अधिकृत किया गया है।
सभी रिक्त पदों पर काउंसलिंग की मांग
राज्य सरकार के निर्देश पर डीपीआई को कांउसिलिंग पश्चात समस्त प्राचार्यों के पदस्थापना प्रस्ताव शासन को भेजना है।लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 14 अगस्त 2025 को सूचना जारी की गई जिसमें केवल 845 पदों पर कांउसलिंग की जानकारी दी गई है। वर्तमान में 1366 पद रिक्त है एवं 1335 पद हेतु प्रमोशन आदेश जारी किया गया है। इस स्थिति में 491 पदोन्नत प्राचार्यों की कांउसलिंग से पदस्थापना नहीं की जा रही है।याचिकाओं में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी 1335 पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना कांउसलिंग के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन 20 अगस्त 2025 से होने वाली कांउसलिंग में निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।