कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वैन चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया, जिससे गाड़ी सड़क से उतरकर खेत में जा गिरी। हादसे के तुरंत बाद बच्चों की चीख-पुकार से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास के ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए। उन्होंने वैन का दरवाजा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला।
कई बच्चे घायल, कुछ को आईं गंभीर चोटें
हादसे में कई बच्चों को चोटें आई हैं। अधिकांश घायल छात्र मिलक जहांगीराबाद क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। हादसे की सूचना मिलते ही परिजन भी मौके पर पहुंच गए और अपने-अपने बच्चों को अस्पताल ले गए। कुछ बच्चों को खुली चोटें आई हैं, जिनका प्राथमिक इलाज स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है।
पहले भी हो चुके हैं स्कूली वैन हादसे
गौरतलब है कि इसी महीने शेरकोट और अफजलगढ़ में भी स्कूली वैन हादसे हो चुके हैं, जिनमें बच्चों को चोटें आई थीं। लगातार हो रहे इन हादसों के बावजूद जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और पुलिस की ओर से स्कूली वाहनों की मॉनिटरिंग और अनियमित वाहनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अभिभावकों में आक्रोश, विभागीय लापरवाही पर उठे सवाल
लगातार हो रहे ऐसे हादसों के बाद अभिभावकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि स्कूली वैनों की स्थिति बेहद खराब है, चालक कम उम्र के, बिना लाइसेंस और बिना फिटनेस वाले वाहनों से बच्चों की जान जोखिम में डाली जा रही है। कई वैनों में ओवरलोडिंग आम बात हो चुकी है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
क्या कहती है पुलिस और प्रशासन?
हादसे के बाद पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया है, लेकिन अभी तक वैन चालक के खिलाफ कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर उचित कदम उठाए जाएंगे।