स्कूल के बाद खेत गए, फिर कभी वापस नहीं लौटे
बुधवार की सुबह की शुरुआत हर आम दिन जैसी ही थी। प्रवेंद्र (35) और उसकी पत्नी गीता (32) ने अपने बच्चों को स्कूल भेजा और फिर रोज की तरह खेत पर घास काटने निकल गए। लेकिन दोपहर तीन बज गए और जब तक दोनों लौटे नहीं तो परिजनों को चिंता होने लगी। जब घरवाले खेतों की ओर निकले तो उन्हें जो नज़ारा दिखा वो रूह कंपा देने वाला था। धान के खेत में बेल के पेड़ के नीचे प्रवेंद्र की लाश पड़ी थी और कुछ ही दूरी पर, गन्ने के खेत में गीता मृत अवस्था में मिली।
गले पर इंजेक्शन जैसे रहस्यमय निशान
दोनों के शवों की स्थिति चौंकाने वाली थी। गले पर एक जैसे निशान पाए गए जैसे किसी ने इंजेक्शन या धारदार नुकीले उपकरण से वार किया हो। गांववालों और परिवार का कहना है कि शायद गीता की हत्या पहले की गई, और फिर प्रवेंद्र को मारा गया।
गांव में हंगामा, पुलिस से तीखी झड़प
हत्या की खबर फैलते ही गांव में आक्रोश पनपने लगा। ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घटनास्थल पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शवों को उठाने से इनकार कर दिया गया। करीब तीन घंटे तक पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेज सकी। सीओ देशदीपक भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और गांववालों को शांत करने की कोशिश करते रहे। अंततः समझाने-बुझाने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।
जांच के दायरे में हर पहलू, परिवार सदमे में
पुलिस अधिकारी देशदीपक ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का असली कारण साफ हो सकेगा। फिलहाल हत्या के हर एंगल से जांच की जा रही है चाहे वो पारिवारिक रंजिश हो, संपत्ति विवाद या कोई और व्यक्तिगत दुश्मनी। परिवार पूरी तरह सदमे में है। एक ही दिन में मां-बाप दोनों की लाश देख चुके बच्चों की हालत बेहद खराब है।
गांव में डर का माहौल, हर कोई पूछ रहा कौन है कातिल?
पूरा गांव इस दोहरे हत्याकांड से सकते में है। हर किसी के मन में एक ही सवाल है कौन कर सकता है इतनी निर्मम हत्या? क्या हत्यारे गांव के ही हैं? क्या किसी ने परिवार की जासूसी कर पहले से योजना बनाई थी?