कुत्तों ने 5 मिनट तक नोचा, शरीर से कपड़े तक गायब
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुत्तों ने बच्ची को चारों ओर से घेर लिया और करीब 5 मिनट तक नोचते रहे। बच्ची के सिर, पेट, कान और पूरे शरीर पर 50 से ज्यादा जगह काटने के निशान मिले हैं। सिर से मांस तक नोच लिया गया और पूरा एक कान कुत्ते खा गए। शरीर पर कपड़े का एक भी टुकड़ा नहीं बचा था।
मां ने मदद के लिए चिल्लाया, मजदूरों ने ईंट-पत्थर फेंककर कुत्तों को भगाया
बच्ची की चीख-पुकार सुनकर मां गुलशन जहां ने मदद के लिए शोर मचाया। पीछे से जा रहे मजदूरों ने ईंट-पत्थर मारकर किसी तरह कुत्तों को भगाया। बच्ची को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मां की दर्दभरी आपबीती: “मेरे सामने मेरी बच्ची को कुत्ते खा गए”
मां गुलशन जहां ने बताया कि वह चाय के लिए दूध लेने निकली थीं। यासमीन जिद करके साथ चली आई। लौटते वक्त वह थोड़ी पीछे रह गई। जब 2-3 मिनट तक नहीं आई तो मैंने पलटकर देखा। मेरी आंखों के सामने मेरी बच्ची को कुत्ते खा रहे थे। मैंने जितना बचा सकती थी, बचाया। लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।
गरीबी से जूझता परिवार, बच्ची सबसे छोटी थी
यासमीन के पिता मजदूरी करते हैं और मां शादी-पार्टी में बर्तन धोने का काम करती हैं। यासमीन 7 भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। किसी भी बच्चे की स्कूलिंग नहीं हो रही है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
करीब 4 महीने पहले इसी थाना क्षेत्र के रसूलपुर आबाद गांव में भी एक बच्चे की आवारा कुत्तों के हमले में मौत हो गई थी। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन या ग्राम पंचायत की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन ने झाड़ा पल्ला: यह एरिया नगर पालिका सीमा से बाहर
नगर पालिका अफजलगढ़ के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि फैजी कॉलोनी ग्राम पंचायत क्षेत्र में आती है। इसलिए आवारा कुत्तों को पकड़ने का जिम्मा ग्राम पंचायत का है, नगर पालिका की सीमा में यह शामिल नहीं है। स्थानीय लोगों में गुस्सा, जिम्मेदार कौन?
घटना के बाद क्षेत्र में गुस्से का माहौल है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इन मासूम बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या प्रशासन और पंचायतें तब जागेंगी जब हर गली में एक बच्चा कुत्तों का शिकार होगा?