कॉक्ससैकी वायरस और एंटीवायरस से होती है ये बीमारी
यह बीमारी कॉक्ससैकी वायरस और एंटीवायरस से होती है। आमतौर पर इसे हैंड-फुट-माउथ डिजीज कहा जाता है। शरीर पर पाए जाने वाले लाल दानों की बनावट लाल टमाटर जैसी होती है। इसे टोमैटो फ्लू भी कहा जाता है।
तेज बुखार के साथ ही दिखते हैं ये लक्षण
डॉ. टिक्कस ने बताया कि बीमारी की शुरुआत तेज बुखार से होती है। तीन से चार दिन बाद हथेलियों, पैरों के तलवों और मुंह के अंदर-बाहर लाल चकत्ते उभर जाते हैं। पहले यह संक्रमण सिर्फ 10 वर्ष के बच्चों को होती थी, लेकिन अब 13 से 14 वर्ष के किशोरों में भी इसके लक्षण पाए जा रहे हैं। सिरदर्द, गले में खराश, कमजोरी, भूख में कमी, जीभ और गाल के अंदर छाले पड़ना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।
छींकने से फैलता है
टोमैटो फ्लू बीमारी के वायरस एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलते हैं। पीड़ित बच्चों के खांसने और छींकने पर इस बीमारी के वायरस तेजी से अन्य बच्चों को अपने गिरत में ले लेते हैं। डॉक्टरों ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों में ये लक्षण दिकाई देने पर उन्हें स्कूल नहीं भेजें और घर में अलग रखकर आराम कराएं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और तरल पदार्थ अधिक दें। ये सावधानी बरतें
शुरुआती लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करें। भीड़भाड़ से बचाव और समय पर आइसोलेशन से संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।
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