कालोनी में मातम
इंटर्न डॉक्टर आयशा की अगले महीने 14 जून को शादी थी। आयशा के पिता जबलपुर में एक बैंक के मैनेजर हैं और वे कार्ड बांटने और अन्य कार्यों के सिलसिले में सोमवार की सुबह गुना के लिए निकले थे। बीना तक पहुंचते ही उन्हें बेटी के एक्सीडेंट की सूचना मिली। उन्होंने साले डॉक्टर शफकतउल्ला लखनवी को कॉल किया। वे हमीदिया हॉस्पिटल पहुंचे तब तक युवती की मौत हो चुकी थी। परिजनों को पीएम के बाद बॉडी सोमवार की शाम को सुपुर्द कर दी गई। परिजन बॉडी लेकर गुना के लिए रवाना हो गए हैं। यहां आयशा के पिता का पुश्तैनी निवास है। बॉडी को यहीं सुपुर्दे खाक किया जाएगा।
आयशा घर में थीं सबसे बड़ी
आयशा घर में बड़ी थी। उसका एक छोटा भाई भी है जिसने हाल ही में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। डॉक्टर आयशा शादी को लेकर बेहद खुश थी। मैरिज गार्डन से लेकर कुक तक सब उन्होंने अपनी मर्जी से बुक कराया था। उसके होने वाले पति अदनान रेलवे में लोको पायलट हैं। आयशा और अदनान एक- दूसरे के लिए कपड़े पसंद करा रहे थे। पांच दिन बाद से आयशा छुट्टी लेने वाली थी।
हादसे के वक्त मां बांट रही थी शादी के कार्ड
आयशा खान की मौत से अनजान उनकी अमी बेटी की शादी के कार्ड बांट रही थी। वह सुबह 10 बजे ही घर से निकल गयी थीं। बेटी की मौत की सूचना के बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि राजधानी में 7 माह से बिना फिटनेस और इंश्योरेंस के दौड़ रही स्कूल बस ने बाणगंगा चौराहे पर रेड सिग्नल में खड़ी 8 गाड़ियों को रौंद दिया। इसमें हमीदिया की इंटर्न महिला डॉक्टर की मौत हो गई। तो 6 घायल हो गए, दो की हालत गंभीर हैं। स्कूटी से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित घर लौट रहीं इंटर्न डॉ. आयशा खान (25) टक्कर से उछलकर गिरीं और बस में अगले हिस्से में फंस गईं। बस 50 फीट घसीट ले गई। बस के नीचे आने से उनकी मौत हो गई। मजदूर रईस व फिरोज गंभीर हैं। घटना के बाद परिवहन विभाग जागा और बस का रजिस्ट्रेशन रद्द कर स्कूल को नोटिस थमाया। इसके बाद संभागायुक्त संजीव सिंह ने आरटीओ जितेंद्र शर्मा को सस्पेंड कर दिया। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया, गाड़ी मालिक और चालक पर केस दर्ज किया है। पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी है। लेकिन ड्राइवर फरार है। दोपहर दो बजे बाणगंगा चौराहे पर रेड सिग्नल था। १० से १२ गाड़ियां सिग्नल के ग्रीन होने का इंतजार कर रही थी। तभी रोशनपुरा चौराहे से आ रही स्कूल बस का ब्रेक फेलहो गया। बस ढलान पर लहराती हुई आई। ड्राइवर हटो-हटो…चिल्लाता रहा। लोग उसकी बात समझ पाते, बेकाबू बस सिग्नल पर खड़ी 8 गाड़ियों को रौंदते निकल गई। आगे जाकर बस पहले डिवाइडर, फिर कार से भिड़ी। तीन बार टक्कर के बाद बस की गति कम हुई तो डिवाइडर से टकराकर रुक गई।