ई-विधान लागू करने की तैयारी
विधानसभा में ई-विधान लागू किया जाना है। इसी के तहत पूरी तैयारी चल रही है। ई-विधान (e-vidhan) लागू होने के बाद पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी। इसमें जो भी खर्च आएगा, उसमें से 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार दे रही है। केन्द्र से बजट आ चुका है, राज्य सरकार ने भी मंजूर कर चुकी है। बजट मिलने के साथ ही काम-काज में भी तेजी आई है। टेंडर जारी हो गए हैं।
विधायकों की होगी ट्रेनिंग
विधानसभा परिसर स्थित विधान परिषद कक्ष में विधायकों के लिए ट्रेनिंग सेंटर बना दिया गया है। यहां विधायकों को ऑनलाइन काम काज के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्य मानसून सत्र के दौरान विधायकों की सुविधा के अनुसार दिया जाएगा। राज्य मंत्रालय और विधानसभा अधिकारी-कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
अभी ये काम-काज हैं ऑनलाइन
सचिवालय और मंत्रालय के बीच कुछ काम-काज पहले से ऑनलाइन हैं। विशेष सॉटवेयर से विधायकों द्वारा पूछे गए लिखित सवाल राज्य सरकार के संबंधित विभागों को विधानसभा सचिवालय द्वारा भेजे जाते हैं। उनके जवाब भी इसी माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं। अन्य जानकारियां भी ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से आती है। विधायक भी ऑनलाइन सवाल भेजले हैं। विधानसभा सचिवालय ने सभी विधायकों के ई-मेल एड्रेस तैयार कराए हैं। सभी के डिजिटल सिग्नेचर भी सचिवालय के पास है।
अगले सत्र तक करना होगा इंतजार
सदन की ऑनलाइन वर्किंग के लिए विधायकों को अगले सत्र तक इंतजार करना होगा। वैसे विधानसभा सचिवालय का प्रयास था कि मानसून सत्र से ही नई व्यवस्था लागू कर दी जाए, इसके लिए सदन में नेटवर्क इत्यादि का काम पूरा कर लिया गया। विधायकों की टेबल पर टैब लगाए जाना हैं। लेकिन टैबलेट इत्यादि में देरी होने के कारण यह काम पिछड़ा है। इस सत्र में टैबलेट आने की उमीद है लेकिन अगले सत्र तक सदन में स्थापित हो पाएंगे।
ई-विधान से यह होगा लाभ
ई-विधान लागू होने से पूरा काम-काज ऑनलाइन होगा। इससे सदन के काम-काज में तेजी आएगी। सिंगल क्लिक पर विधायकों को जानकारी मिल जाएगी। ज्यादातर सामग्री उनके टैब पर ही होगी। बजट सहित विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन और अन्य जानकारियां भी सब ऑनलाइन होंगी। ऐसे में इसके प्रिंट कराने में आने वाला खर्च बचेगा।
लेटेस्ट कप्यूटर की भी खरीदी
टैब के साथ लेटेस्ट कप्यूटर भी खरीदे जा रहे हैं। इन ऑल इन वन कप्यूटर में सीपीयू, मॉनीटर, बैटरी बैकअप सभी साथ होंगे। यानी इनके लिए अलग से पार्ट्स खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह के 35 ऑल इन वन कप्यूटर खरीदने के लिए विधानसभा सचिवालय टेंडर जारी कर कंपनियों के ऑफर बुलाए हैं। जल्द ही सदन में इन्हें भी इंस्टाल किया जाएगा।