ये भी पढ़े-
Reel पर एक्शन… पुलिसकर्मियों को डीआईजी की चेतावनी, सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश बना रहेगा बैलेंस
तीन करोड़ के रिवॉल्विंग फंड से जरूरत के मुताबिक पैसा निकालकर खर्च किया जाएगा। वापस फिर उसी फंड में जमा कर दिया जाएगा। यानी बैलेंस हमेशा बरकरार रहेगा। ट्रैप करने के लिए फंड निकलेगा और कोर्ट से रकम मिलने पर फिर फंड में जमा कर दिया जाएगा।
इसलिए जरूरत
लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद मामला अदालत पहुंचता है। अंतिम निर्णय में समय लग जाता है। कभी-कभी मामले 5-10 साल तक चलते हैं। ऐसे में ट्रैप करवाने वाले व्यक्ति के पैसे कोर्ट का फैसला आने तक फंसे रहते हैं।
देना होगा प्रतिवेदन
कार्रवाई के समय पैसा शिकायकर्ता को खर्च करना होगा, लेकिन कार्रवाई पूरी होने के बाद पैसा लोकायुक्त वापस कर देगा। कोर्ट को बताया जाएगा कि पैसा लौटा दिया गया है। अंतिम निर्णय के बाद जब्त राशि सरकारी फंड में दी जाए। रिवॉल्विंग फंड बनाने की प्रक्रिया जारी है। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे शासन के पास भेजा जाएगा।–योगेश देशमुख, डीजी, लोकायुक्त